सिलौंडी क्षेत्र के मां वीरासन देवी और महादेवी मंदिर में उमड़ा भक्तों का जन सैलाब।
आस्था और श्रद्धा के साथ भक्त कर रहे हैं कन्या भोज और भंडारा।
डंडेँ भाँजते हुए भक्त पहुंच रहे हैं मां वीरासन और महादेवी मंदिर।
8 किमी की पदयात्रा कर चढ़ाई जाएगी मां वीरासन देवी को चुनरी।
सिलौड़ी,ढीमरखेड़ा:
सिलौंडी क्षेत्र में स्थित मां वीरासन देवी और महादेवी मंदिर दशरमन में इन दिनों भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। श्रद्धालु दूर-दूर से माता के दर्शन के लिए आ रहे हैं और आस्था व भक्ति के साथ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले रहे हैं। नवरात्रि और अन्य शुभ अवसरों पर यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिसमें हजारों की संख्या में भक्त हिस्सा लेते हैं।
श्रद्धालु मंदिर परिसर में कन्या भोज और भंडारे का आयोजन कर रहे हैं। माता के भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार प्रसाद वितरण कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। मंदिर प्रांगण में भजन-कीर्तन और धार्मिक कार्यक्रमों की गूंज भक्तों के उत्साह को और बढ़ा रही है। विशेष रूप से इस अवसर पर डंडेँ भाँजते हुए भक्त मां वीरासन देवी और महादेवी मंदिर पहुंच रहे हैं। कुछ श्रद्धालु सिर पर चुनरी, नारियल और प्रसाद लेकर माता के चरणों में अर्पित कर रहे हैं।
आज सुबह 8 बजे से भक्तों का एक विशाल समूह सिलौंडी से मां वीरासन देवी मंदिर तक लगभग 8 किलोमीटर की पैदल यात्रा करेगा। इस पदयात्रा में श्रद्धालु पूरे भक्ति भाव के साथ जयकारे लगाते हुए मंदिर तक पहुंचेंगे। यात्रा मार्ग में भक्तों के लिए विभिन्न स्थानों पर विश्राम, जलपान और प्रसाद वितरण की भी विशेष व्यवस्था की गई है। इस दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा और व्यवस्था की पूरी निगरानी रखी जा रही है ताकि यात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोग भी इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। भक्तों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर में साफ-सफाई, दर्शन व्यवस्था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस बल और स्वयंसेवकों की सहायता से भीड़ को नियंत्रित करने और सुविधाओं को सुचारू बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है।
मां वीरासन देवी और महादेवी मंदिर क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक हैं, जहां सालभर भक्तों का आगमन बना रहता है। नवरात्रि, सावन माह, चैत्र माह और अन्य विशेष पर्वों के दौरान यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है। कई श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यहां विशेष पूजन कराते हैं और माता को चुनरी, नारियल व प्रसाद अर्पित करते हैं।
श्रद्धालु अपनी आस्था के अनुसार दान-पुण्य भी कर रहे हैं। कई भक्त मंदिर में दीप जलाकर, माता को पुष्प अर्पित कर और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेकर अपनी भक्ति प्रकट कर रहे हैं। स्थानीय बाजारों में भी इस अवसर पर रौनक बढ़ गई है। श्रद्धालु माता के दर्शन के बाद पूजन सामग्री, प्रसाद और चुनरी खरीद रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों को भी लाभ मिल रहा है।
मंदिर के पुजारी और सेवा समिति के सदस्य भी भक्तों की सुविधा के लिए दिन-रात कार्यरत हैं। विशेष रूप से इस आयोजन में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं।
कुल मिलाकर, सिलौंडी क्षेत्र का यह धार्मिक आयोजन श्रद्धा, भक्ति और उल्लास से भरा हुआ है। भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है, और पूरे क्षेत्र में एक दिव्य और आध्यात्मिक माहौल बना हुआ है।