झिँझरी,कटनी में भक्तिरस की गंगा;श्रद्धालुओं ने भक्ति में झूमकर मनाया श्रीकृष्ण जन्म,श्री मुकुल कृष्ण महाराज के भावपूर्ण प्रवचनों ने जीता हृदय।
श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में श्रीराम कथा व श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की अनुपम छटा।
झिँझरी,कटनी:
झिँझरी, कटनी की पावन भूमि पर श्री राधिका रानी की अनुकंपा से श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन श्रद्धा, भक्ति एवं भव्यता के साथ चल रहा है। यह आयोजन सम्पूर्ण नगर के धार्मिक जीवन में एक नवीन ऊर्जा एवं अध्यात्म का संचार कर रहा है। दिनांक 13 अप्रैल 2025, रविवार से प्रारंभ हुआ यह यज्ञ सप्ताह दिनांक 20 अप्रैल 2025, रविवार को विधिपूर्वक हवन, कन्या भोज और विशाल भंडारे के साथ संपन्न होगा।
यज्ञ के चौथे दिवस बुधवार को कथा व्यास श्री मुकुल कृष्ण महाराज द्वारा श्रीराम कथा का मार्मिक वर्णन किया गया, जिसने समस्त श्रद्धालुओं को राम भक्ति की गहराइयों में डुबो दिया। श्रीराम के चरित्र की मर्यादा, त्याग, करुणा एवं नीति का विस्तृत वर्णन सुनकर सभी श्रोता भाव-विभोर हो उठे। कथा स्थल पर उपस्थित जनसमूह का वातावरण गूंज उठा जब श्री महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म प्रसंग की अमृतमयी वाणी से मनोहारी झांकी प्रस्तुत की।
जैसे ही कथा में भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य हुआ, पूरा वातावरण आनंद, उल्लास और जयघोषों से भर गया। “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” जैसे उद्घोषों से गगन गूंज उठा और श्रद्धालु झूम उठे। भजन-कीर्तन, मंजीरे, ढोलक की मधुर ध्वनि और नृत्य की भव्यता से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का उत्सव एक आध्यात्मिक महाकुंभ में परिवर्तित हो गया। महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे सभी इस पावन प्रसंग में पूरी श्रद्धा और आनंद से सहभागी बने। रात्रि में झाँकी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की झांकी अत्यंत आकर्षक, मनमोहक एवं अलौकिक दृश्य उपस्थित कर रही थी।
पूरे आयोजन की विशेषता यह है कि यहां प्रतिदिन कथा से पूर्व हवन पूजन हो रहे हैं, जिससे वातावरण में एक विशुद्ध आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो रहा है। नगर के प्रमुख संत, समाजसेवी एवं गणमान्य नागरिक आयोजन में सहभागिता कर रहे हैं। प्रतिदिन दूर-दूर से श्रद्धालु आकर भक्ति का लाभ ले रहे हैं।
इस महायज्ञ में मुख्य श्रोता के रूप में भागवती बर्मन की गरिमामयी उपस्थिति भक्तों के लिए प्रेरणादायक रही है। कथा व्यास श्री मुकुल कृष्ण महाराज की वाणी, जिसमें भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का समावेश है, श्रोताओं को केवल मनोरंजन नहीं, आत्म-चिंतन और आत्मसुधार का अवसर प्रदान कर रही है। उनका प्रवचन न केवल भगवान की कथाओं का वर्णन करता है, बल्कि जीवन में धर्म, करुणा, सेवा और विनम्रता के महत्व को भी स्पष्ट करता है।
आयोजन समिति द्वारा संपूर्ण व्यवस्था अत्यंत सुचारु एवं भव्य रूप से की गई है। कथा पंडाल को भव्य रूप से सजाया गया है, जहां रात्रिकालीन विद्युत सज्जा श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है। सुरक्षा, जलपान, प्रसाद वितरण और वाहन पार्किंग की समुचित व्यवस्था से भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो रही है।
अंतिम दिवस रविवार 20 अप्रैल को विशाल हवन यज्ञ, कन्या पूजन और भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नगरवासियों के साथ ही दूर-दराज से पधारे श्रद्धालुओं की उपस्थिति में यह महायज्ञ पूर्ण होगा। आयोजन समिति ने अधिक से अधिक श्रद्धालुओं से इस पुण्य आयोजन में सम्मिलित होकर भागवत रस का लाभ लेने की अपील की है।
इस प्रकार, झिँझरी, कटनी में आयोजित यह श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ एक सामाजिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक संगम बनकर न केवल नगर को पावन बना रहा है, बल्कि मानवता को भक्ति, प्रेम और सेवा की राह भी दिखा रहा है।