बिजली आपूर्ति में देरी से आक्रोशित भाजपा नेता गोविन्द सिंह बागरी भूख हड़ताल पर।
ग्राम कछारगाँव में दो माह पूर्व पूर्ण हुए पावर हाउस के बावजूद बिजली आपूर्ति नहीं, प्रशासन की निष्क्रियता पर जताया गहरा रोष।
कछारगाँव,ढीमरखेड़ा:
ग्राम कछारगाँव में बिजली आपूर्ति की लंबित समस्या अब आंदोलन का रूप ले चुकी है। भाजपा अनुसूचित जाति के जिलामंत्री गोविन्द सिंह बागरी ने ग्रामवासियों की पीड़ा को लेकर प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल की घोषणा की है। वे दिनांक 14 अप्रैल 2025 से ग्राम कछारगाँव स्थित पावर हाउस के सामने अपने समर्थकों के साथ भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं। उनका कहना है कि गाँव में पावर हाउस का निर्माण कार्य दो माह पूर्व ही पूरी तरह से संपन्न हो गया था, इसके बावजूद अब तक बिजली आपूर्ति प्रारंभ नहीं की गई, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
श्री बागरी ने बताया कि उन्होंने विद्युत मंडल के कनिष्ठ अभियंता को ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई थी कि ग्राम कछारगाँव सहित आसपास के क्षेत्रों में शीघ्र बिजली आपूर्ति प्रारंभ की जाए। लेकिन अधिकारी केवल आश्वासन देते रहे और कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। इस उदासीन रवैये के कारण ही उन्होंने यह कदम उठाने का निर्णय लिया।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह आंदोलन किसी भी प्रकार की राजनैतिक महत्वाकांक्षा से प्रेरित नहीं है, बल्कि यह आम जनता की समस्या की गंभीर अभिव्यक्ति है। उन्होंने खुद को केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक समाजसेवी बताते हुए कहा कि जब प्रशासन अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता, तो जनता की आवाज उठाना उनका नैतिक दायित्व बन जाता है।
श्री बागरी ने कहा कि बिजली की अनुपलब्धता से सबसे अधिक प्रभावित किसान वर्ग है, जिनकी फसलें पानी के अभाव में सूखने की कगार पर हैं। खेतों में मोटरों से सिंचाई के लिए बिजली आवश्यक है, लेकिन बिजली नहीं होने के कारण मोटरें चल नहीं पा रहीं। इसके चलते कई किसानों की खरीफ फसलें पूरी तरह से नष्ट होने के कगार पर हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लग सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि बिजली की समस्या केवल कछारगाँव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संकट आसपास के लगभग 8 से 10 गाँवों को भी प्रभावित कर रहा है। इन गाँवों में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, घरेलू कार्यों में कठिनाई हो रही है और सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गर्मी के मौसम में बिना बिजली के रहना अत्यंत पीड़ादायक हो गया है।
श्री बागरी ने कहा कि जब तक बिजली आपूर्ति शुरू नहीं होती, वे और उनके समर्थक भूख हड़ताल पर ही बैठे रहेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी मूल्य क्यों न चुकाना पड़े। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और सरकार से अपील की है कि जनता की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और शीघ्र समाधान की दिशा में कदम उठाए जाएं।
भाजपा नेता गोविन्द सिंह बागरी के साथ उनके समर्थक भी इस भूख हड़ताल में शामिल हो गए हैं और प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि बिजली आपूर्ति शीघ्र बहाल की जाए। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।
अब सबकी नजरें प्रशासन पर टिकी हैं कि वह इस जन आंदोलन के प्रति कैसा रुख अपनाता है। क्या प्रशासन जनता की पीड़ा को समझेगा और आवश्यक कदम उठाएगा या फिर ग्रामीणों को अपनी आवाज और भी ऊँची करनी पड़ेगी? यह आने वाला समय ही बताएगा।
भूख हड़ताल मैं भाजपा नेता गोविन्द सिंह बागरी सहित संजू बागरी, विश्वनाथ बागरी, समीर बागरी रविदास कोरी, निहाल बागरी, मयंक बागरी, मोनू ठाकुर, शांतनु बागरी, सत्यम बर्मन, आकाश कोरी, कल्लू कोरी, नितिन कोरी, रज्जू विस्वकर्मा, सोनू बर्मन व अन्य लोग शामिल हुए।