संवैधानिक संस्थाओं पर हमले के विरोध में कांग्रेस का राष्ट्रव्यापी आंदोलन,मोदी सरकार के खिलाफ संविधान बचाओ की हुंकार।
कांग्रेस का 40 दिवसीय देशव्यापी जनजागरण अभियान, चौपाल, पदयात्रा और रैलियों के माध्यम से जनता से सीधा संवाद
कटनी:
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार किए जा रहे हमलों और लोकतंत्र के मूल्यों के हनन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन की शुरुआत की है। "संविधान बचाओ" नामक यह 40 दिवसीय अभियान 3 अप्रैल से प्रारंभ होकर 30 मई तक चलेगा। इस अभियान के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता पंचायत से लेकर जिला स्तर तक जनजागरण, चौपाल, पदयात्रा, रैली और घर-घर संपर्क अभियान के माध्यम से जनता को जागरूक करेंगे।
इस आंदोलन की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में राष्ट्रीय प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और राष्ट्रीय सचिव रणविजय सिंह लोचव सहित प्रदेश प्रबंध समिति के सदस्य, विधायकगण और विभिन्न जिलों के कांग्रेस जिला अध्यक्ष शामिल हुए। बैठक में केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर बढ़ते खतरे पर गंभीर चर्चा की गई।
कटनी से लौटे कांग्रेस जिला अध्यक्ष करण सिंह चौहान ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार लोकतंत्र की मूल आत्मा को कुचलने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता जैसी समस्याएं चरम पर हैं, और इनसे ध्यान भटकाने के लिए संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का खुलेआम राजनीतिक प्रतिशोध के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और यह प्रक्रिया न्यायपालिका तक को प्रभावित करने लगी है। चौहान ने कहा कि अब न्यायपालिका पर भी प्रत्यक्ष दबाव बनाने की रणनीति अपनाई जा रही है, जो देश में बढ़ती तानाशाही का स्पष्ट संकेत है।
कांग्रेस पार्टी ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों की कथित मनमानी और गैरकानूनी जब्ती की कार्रवाई की भी कड़ी निंदा की है। चौहान ने कहा कि यह कार्रवाई सत्ता के दुरुपयोग का जीता-जागता उदाहरण है, जिसका उद्देश्य विपक्ष की आवाज़ को कुचलना है।
कटनी जिले में इस आंदोलन के तहत 3 अप्रैल से 30 मई तक अलग-अलग चरणों में पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कांग्रेस कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर संविधान की मूल भावना को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।
इस आंदोलन का उद्देश्य न केवल मोदी सरकार की विफलताओं को उजागर करना है, बल्कि आम जनता को लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए जागरूक करना भी है। कांग्रेस का मानना है कि यदि मौजूदा स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थायी क्षति हो सकती है।