मोहतरा और बंधा गांव में अग्निकांड से तबाह हुई किसानों की फसलें,पीड़ितों को अब भी इंतजार मदद का।
सैकड़ों किसानों की जली फसल, उजड़ गए खेत और सूनी हो गई रोटियां; शासन-प्रशासन से तत्काल सहायता की गुहार।
सिहोरा:
विगत दिनों सिहोरा तहसील के ग्राम मोहतरा एवं बंधा में भीषण अग्निकांड के कारण किसानों की गेहूँ की खड़ी फसल जलकर खाक हो गई। इस त्रासदी से प्रभावित सैकड़ों गरीब किसान और खेतिहर मजदूर वर्तमान में भारी पीड़ा और संकट की स्थिति से गुजर रहे हैं। किसानों से मुलाकात करने पहुंचे भारत कृषक समाज और किसान सेवा सेना के प्रतिनिधियों की आंखें भी पीड़ितों की दर्दनाक दशा देखकर नम हो गईं।
अब तक पीड़ितों को केवल आश्वासन ही मिले हैं, जबकि उन्हें तत्काल सहायता की अत्यंत आवश्यकता है। अगर जल्द मदद नहीं पहुंची तो उनकी स्थिति और अधिक विकट हो सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि अग्निकांड के लिए जिम्मेदार अपराधी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जिससे न्याय की उम्मीद भी धूमिल होती जा रही है।
किसान संगठनों ने शासन-प्रशासन, सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों से त्वरित राहत सहायता की मांग की है। समाज सेवियों, सामाजिक संगठनों और आम जन से भी अपील की गई है कि वे इन पीड़ितों की हरसंभव मदद के लिए आगे आएं।
भारत कृषक समाज के प्रतिनिधियों के के अग्रवाल, रामगोपाल पटेल, रामकिसन पटेल, मुकेश पटेल, अशोक पटेल, खड़ग सिंह, नंद किशोर अग्रवाल तथा किसान सेवा सेना के जितेंद्र देसी, सुरेश कुर्मी और ओमानंद आर्या ने ग्राम मोहतरा और बंधा पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने बताया कि 11 अप्रैल को जबलपुर कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ज्ञापन सौंपकर मुआवजे की मांग की गई थी और अब पुनः दबाव बनाने के लिए अधिकारियों से भेंट की जाएगी।
साथ ही सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनके निधि और राहत कोष से तत्काल सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मुआवजे की राशि शीघ्र जारी करने का निवेदन किया जाएगा। आम जनता से भी तात्कालिक सहयोग की अपील की गई है।
पटवारी रिपोर्ट के अनुसार, मोहतरा और बंधा गांव में लगभग 120 एकड़ की फसल जलकर राख हो गई है, जिसमें कुल 115 किसान प्रभावित हुए हैं। कई छोटे किसानों की पूरी की पूरी जमीन की फसल जल गई, जिससे उनका साल भर का सहारा छिन गया है और अब उनके सामने परिवार चलाने की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है।
मोहतरा गांव के वरिष्ठ किसान सुखदेव चौबे और बंधा गांव के किसान सेवी मुकेश सिंह गौर के घर पर एकत्र हुए पीड़ितों ने बताया कि गांव के ही एक किसान अशोक शुक्ला ने दोपहर के समय अपने खेत की पराली में आग लगा दी, जिसे अन्य किसानों ने मना भी किया लेकिन उसने गाली-गलौज करते हुए जबरन आग लगा दी और बाद में वहां से भाग गया। ग्रामीणों के अनुसार, एफआईआर में उसका नाम दर्ज होने के बावजूद उसकी गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है क्योंकि उसके भाई का पुलिस विभाग में होना उसकी रक्षा में एक बड़ी बाधा बन रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि सांसद, विधायक और अधिकारी दौरा कर चुके हैं, लेकिन आज तक किसी भी पीड़ित को कोई सहायता नहीं मिली है। कई परिवारों के चूल्हे बुझने की कगार पर हैं।
बंधा गांव के एक किसान अशोक, जो इस हादसे के बाद से गहरे अवसाद में हैं, की हालत बिगड़ गई है। किसान प्रतिनिधियों ने तत्काल उपचार के लिए राशि एकत्रित कर उन्हें दवा उपलब्ध कराई। इस तरह के अनेक छोटे किसान हैं, जिन्हें अभी तत्काल मदद की सख्त जरूरत है।
यह जिले की पहली ऐसी बड़ी घटना है, जिसमें छोटे किसानों की पूरी फसल जलकर राख हो गई है। भारत कृषक समाज ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि वे त्वरित राहत सहायता प्रदान करें और जिले के सभी किसान भाइयों से अपील की है कि वे इन पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आएं।