कछारगाँव पावर हाउस से विद्युत आपूर्ति में अनावश्यक देरी, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा।
निर्माण के दो माह बाद भी बंद पड़ा पावर हाउस, आठ से अधिक गांवों में बिजली संकट, भाजपा नेता गोविन्द सिंह बागरी के नेतृत्व में सौंपा गया ज्ञापन, 13 अप्रैल तक समय, फिर होगा बृहद आंदोलन।
कटनी,ढीमरखेड़ा:
तहसील ढीमरखेड़ा के ग्राम कछारगाँव में दो माह पूर्व पूर्ण रूप से तैयार किए गए नवनिर्मित पावर हाउस से अब तक विद्युत आपूर्ति शुरू नहीं की गई है। इससे न केवल कछारगाँव, बल्कि इमलई, इटौली, खमरिया बागरी, बरहटा, कंजिया, कुंसरी, गौरा सहित आठ से दस आसपास के ग्राम भीषण बिजली संकट से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पावर हाउस की तकनीकी एवं संरचनात्मक पूर्णता के बावजूद बिजली आपूर्ति नहीं होना विभागीय लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता का परिचायक है।
इस स्थिति से आक्रोशित ग्रामीणों ने भाजपा अनुसूचित जाति जिला मंत्री गोविन्द सिंह बागरी के नेतृत्व में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के कार्यपालन यंत्री को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि यदि आगामी 13 अप्रैल 2025 तक पावर हाउस से नियमित विद्युत आपूर्ति शुरू नहीं की जाती है तो समस्त ग्रामीणजन बृहद आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी विद्युत मंडल प्रशासन की होगी।
ज्ञापन सौंपते समय भाजपा नेता गोविन्द सिंह बागरी के साथ संजू बागरी, विश्वनाथ बागरी, पीयूष बागरी, मयंक बागरी, कल्लू कोरी, आकाश कोरी सहित अन्य ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे। उन्होंने प्रशासन को चेताया कि क्षेत्र में लगातार बिजली न होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है, किसानों को फसल की सिंचाई में कठिनाई हो रही है और आम जनजीवन ठप पड़ गया है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि पावर हाउस के निर्माण से लोगों में बड़ी उम्मीद जगी थी कि अब बिजली की समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन दो माह बीतने के बाद भी वहां से सप्लाई चालू न होना संदेहास्पद है। ग्रामीणों ने मांग की है कि यदि किसी प्रकार की तकनीकी या प्रशासनिक बाधा है तो उसे तत्काल दूर कर इस पावर हाउस को क्रियाशील किया जाए।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि वे शांतिपूर्वक समाधान की अपेक्षा कर रहे हैं, परंतु यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो वे आंदोलन को मजबूरी मानकर जन आंदोलन की दिशा में कदम उठाएंगे। उन्होंने प्रशासन से शीघ्र और ठोस कार्यवाही की अपेक्षा जताई है ताकि क्षेत्रवासियों को आवश्यक बिजली सुविधा प्राप्त हो सके और जनजीवन सामान्य रूप से चल सके।
पावर हाउस जैसे महत्वपूर्ण संसाधन का निर्माण कर उसे निष्क्रिय छोड़ देना शासन और विभाग दोनों की जवाबदेही पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। ग्रामीणों ने यह भी अनुरोध किया कि इस मामले को प्राथमिकता पर लिया जाए और पावर हाउस से जल्द विद्युत आपूर्ति प्रारंभ कर जनहित में कार्य किया जाए।