शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय में जैविक खेती पर आधारित प्रायोगिक परीक्षा का आयोजन।
विद्यार्थियों को स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में मिला मार्गदर्शन।
बीए और बीएससी द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को जैविक खेती का प्रशिक्षण प्रदान कर लिया गया मौखिक व लिखित मूल्यांकन, परीक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में प्रशासन की सक्रिय भागीदारी।
कटनी:
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कटनी में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर एवं रोजगारोन्मुख बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में महाविद्यालय में मध्यप्रदेश शासन के शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित व्यावसायिक पाठ्यक्रम ‘जैविक खेती’ के अंतर्गत स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए प्रायोगिक परीक्षा का आयोजन किया गया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में व्यावहारिक दक्षता का विकास करना और उन्हें स्वरोजगार हेतु प्रेरित करना रहा।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बाजपेई के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा विद्यार्थियों को जैविक खेती के विविध आयामों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. वी. के. द्विवेदी के सहयोग से आयोजित इस सत्र में विद्यार्थियों को जैविक खाद निर्माण, बीज उपचार, प्राकृतिक कीट नियंत्रण, मिश्रित खेती, जल संरक्षण तकनीक तथा पर्यावरणीय संतुलन जैसे विषयों की सैद्धांतिक व व्यावहारिक जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के उपरांत बीए द्वितीय वर्ष एवं बीएससी द्वितीय वर्ष के व्यावसायिक पाठ्यक्रम से जुड़े विद्यार्थियों की मौखिक और लिखित प्रायोगिक परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें उनके सीखे गए ज्ञान एवं कार्यान्वयन क्षमता का मूल्यांकन किया गया। इस दौरान प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बाजपेई ने परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर निष्पक्ष एवं गुणवत्तापूर्ण मूल्यांकन को सुनिश्चित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उन्हें आगामी वार्षिक परीक्षाओं के लिए तैयारी के टिप्स भी साझा किए।
परीक्षा के सफल संचालन की जिम्मेदारी बाह्य परीक्षक अश्विनी कुमार गर्ग एवं आंतरिक परीक्षक रामसुख दुबे ने निभाई। उनकी निगरानी में संपन्न यह परीक्षा महाविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था में व्यावहारिकता एवं गुणवत्ता का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है। विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह और आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में भाग लिया और जैविक खेती की बारीकियों को आत्मसात करने में रुचि दिखाई।
इस परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को खेती के पारंपरिक तरीकों से हटकर वैज्ञानिक व पर्यावरण अनुकूल तरीकों की जानकारी मिली, जो भविष्य में उन्हें एक सक्षम, आत्मनिर्भर एवं जागरूक कृषक या उद्यमी के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी। महाविद्यालय प्रशासन द्वारा यह पहल न केवल शिक्षा की सीमाओं को विस्तृत करती है, बल्कि विद्यार्थियों को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय सरोकारों से जोड़ने का सशक्त माध्यम भी बनती है।
शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय कटनी में ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ जीवन कौशल, रोजगार की दिशा तथा स्वदेशी संसाधनों का उपयोग कर नवाचार की प्रेरणा दी जा रही है, जो वर्तमान शैक्षणिक परिवेश में अत्यंत सराहनीय है।