अब संगठन के मुख्य भूमिका में रहेगा कांग्रेस जिलाध्यक्ष : खड़गे।

 अब संगठन के मुख्य भूमिका में रहेगा कांग्रेस जिलाध्यक्ष : खड़गे।

राहुल गांधी ने की कांग्रेस जिला अध्यक्षों से चर्चा, नियुक्तियों और टिकट वितरण में बढ़ेगी भागीदारी।

कटनी:

अखिल भारतीय कांग्रेस के नव-निर्मित भव्य राष्ट्रीय कार्यालय, नई दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की उच्चस्तरीय बैठक में संगठन को सशक्त और प्रभावी बनाने को लेकर बड़ी रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में मध्य प्रदेश के सभी कांग्रेस जिला अध्यक्षों से संवाद स्थापित किया गया। यह बैठक लगभग पांच घंटे तक चली, जिसमें संगठन की मजबूती, जिम्मेदारियों का पुनर्वितरण और जमीनी स्तर पर पार्टी के ढांचे को सशक्त करने पर गहन चर्चा की गई।

बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन प्रभारी के.सी. वेणुगोपाल ने यह स्पष्ट किया कि अब कांग्रेस संगठन की दिशा और दशा तय करने में जिलाध्यक्षों की भूमिका केंद्रीय होगी। उन्होंने कहा कि टिकट वितरण से लेकर पदाधिकारियों की नियुक्तियों तक, जिला अध्यक्षों की राय सर्वोपरि मानी जाएगी। संगठन को अधिक लोकतांत्रिक और विकेन्द्रीकृत बनाते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने यह संदेश दिया कि अब जिला स्तर पर नेतृत्व को मजबूती देने का समय आ गया है।

बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने सभी जिला अध्यक्षों से व्यक्तिगत बातचीत की और उनके अनुभव, समस्याएं तथा सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना। राहुल गांधी ने जिलाध्यक्षों को भरोसा दिलाया कि उनकी बात को प्राथमिकता दी जाएगी और संगठन के भविष्य निर्माण में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

कटनी जिले से कांग्रेस जिला अध्यक्ष करण सिंह चौहान भी इस बैठक में शामिल हुए। उन्होंने बैठक के अनुभव साझा करते हुए बताया कि राहुल गांधी और राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा जिलाध्यक्षों को जो महत्व दिया जा रहा है, वह संगठन को एक नई दिशा देगा। उन्होंने कहा कि अब संगठनात्मक ढांचे को पंचायत और वार्ड स्तर तक मजबूत किया जाएगा, जिससे पार्टी की पकड़ हर वर्ग और क्षेत्र में सशक्त हो सके।

करण सिंह चौहान ने यह भी जानकारी दी कि बैठक में कांग्रेस की राष्ट्रीय मीडिया चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने सभी जिलाध्यक्षों को संप्रेषण और प्रस्तुतिकरण के गुर सिखाए। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर भाजपा द्वारा चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियानों का त्वरित और प्रभावी तरीके से जवाब देने की रणनीति भी बताई गई। सोशल मीडिया को हथियार के रूप में प्रयोग करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सच के साथ खड़े रहने की सीख दी गई।

बैठक में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, राष्ट्रीय महामंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वरिष्ठ नेता सचिन पायलट, सुप्रिया श्रीनेत, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा और राष्ट्रीय सचिव रणवीर सिंह लोचव सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।  

यह बैठक संगठनात्मक दृष्टि से मील का पत्थर साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें पार्टी की निचली इकाइयों को ताकत देने और निर्णय प्रक्रिया में उनकी भागीदारी बढ़ाने की स्पष्ट मंशा दिखाई दी। अब यह तय माना जा रहा है कि कांग्रेस जिलाध्यक्ष ही संगठन का मुख्य स्तंभ बनेंगे और प्रत्येक राजनीतिक निर्णय में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

इस पूरी प्रक्रिया से यह संकेत स्पष्ट है कि कांग्रेस अब एक समावेशी, संवादशील और जमीनी हकीकतों को समझने वाला संगठन बनकर उभरने की दिशा में अग्रसर है। राहुल गांधी और खड़गे के नेतृत्व में पार्टी ने यह दर्शाया है कि अब नेतृत्व का केंद्रीकरण नहीं, बल्कि विकेंद्रीकरण ही भविष्य की राह है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी, ग्रामीण खबर mp,
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