संविधान निर्माता बाबा साहेब को समर्पित कार्यशाला में जुटा भाजपा नेतृत्व।
भोपाल में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में डॉ. लता वानखेड़े सहित कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति।
भोपाल:
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय भोपाल में संविधान शिल्पी, भारत रत्न, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में सागर सांसद डॉ. लता वानखेड़े के अलावा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भाग लेकर कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस कार्यशाला का उद्देश्य डॉ. अंबेडकर के विचारों को जन-जन तक प्रभावी रूप से पहुँचाने और उनके द्वारा रचित संविधान की मूल भावना को युवाओं में नए सिरे से जाग्रत करना था।
कार्यशाला की शुरुआत प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता और सामाजिक समरसता को संविधान ने एक सूत्र में पिरोया है और इसका श्रेय बाबा साहेब अंबेडकर को जाता है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि आज की युवा पीढ़ी को संविधान के मौलिक सिद्धांतों—स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व—के प्रति सचेत होने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक न्याय के आदर्शों को मजबूत करने के लिए संविधान साक्षरता अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने जोर दिया कि पार्टी कार्यकर्ताओं को गाँव-गाँव, मोहल्ला-मोहल्ला जाकर अंबेडकर के विचारों को सरल भाषा में समझाना चाहिए, ताकि आमजन के बीच उनमें विश्वास पैदा हो सके।
कार्यशाला में भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने विषय वार सत्र का संचालन करते हुए डॉ. अंबेडकर की जीवनकथा तथा उनके संघर्षों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे अंबेडकर ने उच्च शिक्षित होने के बावजूद सामाजिक भेदभाव का सामना किया और पूरी जीवन यात्रा में दलितों तथा वंचित वर्गों के उत्थान के लिए समर्पित रहे।
राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने संविधान के अनुच्छेद 15 और 17 की प्रासंगिकता पर विशेष चर्चा की। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को निर्देश दिया कि स्थानीय स्तर पर इन अनुच्छेदों के तहत चल रही योजनाओं और अधिकारों की जानकारी लोगों को उपलब्ध करवाई जाए। प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने राजनीतिक स्तर पर संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए आगामी चुनावों में सामाजिक न्याय के मुद्दों को प्रमुखता से उठाने का आह्वान किया।
कार्यशाला में कई छोटे-छोटे समूह बनाए गए, जिनमें अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य एवं प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कैलाश जाटव ने भाग लेकर दलित और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण हेतु किये जा रहे प्रयासों का ब्यौरा साझा किया। समूह चर्चा में यह तय हुआ कि ब्लॉक व तहसील स्तर पर संविधान संदेश कैम्प आयोजित किए जाएँगे, जिनमें शिक्षण संस्थान, पुस्तकालय और सामुदायिक केन्द्रों का उपयोग किया जाएगा।
सागर सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अंबेडकर के चित्र और प्रेरणादायक उद्धरण सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित करने से उनकी स्मृति लोक-मन में ताजा बनी रहेगी। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समरसता के क्षेत्रों में कार्यकर्ता स्वयंसेवकों के बीच समन्वय स्थापित करने का प्रस्ताव रखा, ताकि वास्तविक धरातल पर परिवर्तन के प्रयास त्वरित हो सकें।
कार्यशाला के अंत में हितानंद शर्मा ने आत्ममूल्यांकन सत्र संचालित किया, जिसमें प्रतिभागियों ने आज की चर्चा के आधार पर आगामी छह माह के लिए कार्ययोजना तैयार की। इस योजना में स्कूली बच्चों के लिए संविधान साक्षरता प्रतियोगिता, युवाओं के लिए वाद-विवाद एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता, तथा ग्रामीण इलाकों में संवैधानिक अधिकार शिविर जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
कार्यक्रम के समापन पर सभी वरिष्ठ नेताओं ने मिलकर अंबेडकर प्रतिमा के सामूहिक पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया तथा संविधान की अटूटता और भारतीय लोकतंत्र के स्तंभ बने रहने का संकल्प लिया।