चार लाख की धोखाधड़ी कर महीनों से फरार चल रही महिला आरोपी को उमरिया पान पुलिस ने किया गिरफ्तार, न्यायालय ने भेजा जेल।
धारा 420 और 406 के गंभीर अपराध में वांछित महिला को सायबर सेल और थाना उमरिया पान की संयुक्त कार्रवाई में किया गया गिरफ्तार, पुलिस टीम की सतर्कता और मेहनत लाई रंग।
उमरिया पान:
ग्राम बनहरी निवासी भागवती बाई पति स्वर्गीय चैनू धोबी, उम्र 60 वर्ष ने दिनांक 29 जनवरी 2025 को थाना उमरिया पान में उपस्थित होकर एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि ग्राम बनहरी की ही निवासी ललिता बाई चौधरी पति भारत चौधरी ने बीड़ी तेंदूपत्ता के बोनस का लाभ दिलाने का झांसा देकर उनके साथ धोखाधड़ी की। आरोपी ललिता बाई ने आवेदिका और उनकी नातिन रिंकी का फार्म यह कहकर भरवाया कि उन्हें सरकार से बोनस दिलाया जाएगा।
कुछ समय बाद ललिता बाई ने आवेदिका को यह कहकर भयभीत किया कि रिंकी की उम्र 18 वर्ष से कम होने के कारण फार्म भरने से पुलिस केस बन गया है और उससे बचने के लिए तत्काल बड़ी रकम की आवश्यकता है। इस डर और विश्वास में आकर भागवती बाई ने 4 लाख रुपये नगद आरोपी को दे दिए। इसके बाद आरोपी महिला मौके से फरार हो गई और किसी प्रकार का संपर्क नहीं रखा।
घटना की गंभीरता को भांपते हुए थाना उमरिया पान में प्रकरण क्रमांक 32/25 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) एवं 406 (आपराधिक न्यासभंग) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण की विवेचना प्रारंभ होते ही उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई।
पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन (भारतीय पुलिस सेवा) के दिशा निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष डेहरिया एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सलीमनाबाद प्रभात शुक्ला के मार्गदर्शन एवं थाना प्रभारी उप निरीक्षक दिनेश तिवारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों, मुखबिरों से प्राप्त जानकारी एवं सतत निगरानी के माध्यम से फरार आरोपी की तलाश शुरू की।
लगातार प्रयासों के बाद पुलिस को सफलता हाथ लगी और दिनांक 4 अप्रैल 2025 को आरोपी ललिता बाई चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के पश्चात उसे माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहाँ से उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जिला जेल कटनी भेजने के आदेश जारी किए गए।
इस संपूर्ण कार्रवाई में थाना उमरिया पान के उप निरीक्षक दिनेश तिवारी, सहायक उप निरीक्षक गया प्रसाद मंगोरे, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक अजय तिवारी, प्रधान आरक्षक आशीष झारिया (क्रमांक 757), प्रधान आरक्षक अजय सिंह (क्रमांक 503), आरक्षक योगेश पटेल (क्रमांक 645) एवं सायबर सेल कटनी से प्रधान आरक्षक प्रशांत विश्वकर्मा की अहम भूमिका रही। टीम ने निरंतर तत्परता और समर्पण के साथ कार्य करते हुए एक लंबे समय से फरार आरोपी को न्याय के कठघरे में खड़ा किया।
इस कार्यवाही से यह स्पष्ट होता है कि जिले की पुलिस जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेकर दोषियों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु प्रतिबद्ध है।