विंध्यावासिनी माता और कृष्ण कन्हैया का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।

 विंध्यावासिनी माता और कृष्ण कन्हैया का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।

श्रीमद् देवी भागवत कथा में श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन और महाप्रसाद का लाभ लिया।

विंध्यावासिनी माता और कृष्ण कन्हैया का जन्मोत्सव धूमधाम से संपन्न:

सिहोरा:

पहरुआ खेरमाई प्रांगण में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा में श्रद्धालुओं ने भक्ति और उल्लास के साथ विंध्यावासिनी माता और भगवान कृष्ण कन्हैया के जन्मोत्सव का उत्सव मनाया। इस धार्मिक आयोजन का नेतृत्व श्री श्री 1008 बनवारी दास जी महाराज के सानिध्य में किया गया, जिसमें समस्त ग्रामवासियों का सक्रिय सहयोग रहा।  

गुरुवार को कथा व्यास पंकज गर्ग भटिया आश्रम द्वारा देवी भागवत कथा के अंतर्गत विंध्यावासिनी माता और श्रीकृष्ण जन्म की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया। इस दौरान उन्होंने बताया कि विंध्यावासिनी माता और भगवान श्रीकृष्ण शक्ति, भक्ति और विजय के प्रतीक हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का संचार होता है।  

विशेष पूजा-अर्चना और भजन संध्या का आयोजन:

इस पावन अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना, आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने माता विंध्यावासिनी और श्रीकृष्ण की प्रतिमा का अभिषेक किया, उन्हें फल-फूल, वस्त्र और मिष्ठान अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया। भक्ति भाव से ओत-प्रोत इस आयोजन में भजन मंडली ने भक्तिरस से सराबोर भजन प्रस्तुत किए, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।  

कथा के दौरान पंकज गर्ग ने देवी शक्ति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विंध्यावासिनी माता को आदि शक्ति का स्वरूप माना जाता है और वे अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं। उन्होंने बताया कि जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, तब चारों दिशाओं में दिव्य प्रकाश फैला और समस्त ब्रह्मांड आनंदमय हो गया। इसी प्रकार जब कोई भक्त सच्चे मन से भक्ति करता है तो उसका जीवन प्रकाशमय और कष्टमुक्त हो जाता है।  

        महाप्रसाद वितरण से भक्त हुए धन्य:

जन्मोत्सव कार्यक्रम के समापन पर महाप्रसाद वितरण का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया और ईश्वरीय कृपा प्राप्त की। इस आयोजन से समूचे क्षेत्र में भक्तिभाव और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ।  

कथा के दौरान विभिन्न झांकियों का भी आयोजन किया गया, जिसमें श्रीकृष्ण जन्म से संबंधित सुंदर झांकियां प्रस्तुत की गईं। कान्हा के जन्म के दृश्य को सजीव रूप में देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। नंदोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक माखन मिश्री का भोग लगाया और एक-दूसरे को बधाइयां दीं।  

श्रद्धालुओं ने माता विंध्यावासिनी और भगवान कृष्ण कन्हैया से आशीर्वाद प्राप्त कर सुख-समृद्धि की कामना की। यह भव्य आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि समाज में सद्भाव, श्रद्धा और समर्पण की भावना को भी प्रोत्साहित करता है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी, ग्रामीण खबर mp,
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