लालच में केमिकल से पकाए जा रहे टमाटर, स्वास्थ्य के लिए बन रहे जहर, जानिए कैसे करें पहचान और बचाव।
जहरीले टमाटर का खतरा: बाजार में बिक रही मौत की सब्जी।
कटनी:
मंडियों में रखे पके-पके लाल टमाटर हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। इनकी चमक और रंग देखकर कोई भी इन्हें झोले में भरने से खुद को रोक नहीं पाता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये लाल-लाल टमाटर आपकी सेहत के लिए कितने खतरनाक हो सकते हैं?
पहले के समय में लोग लंबी उम्र जीते थे, उन्हें बीमारियां कम होती थीं। इसकी एक बड़ी वजह थी — शुद्ध और प्राकृतिक भोजन। उस समय सब्जियों को खेतों से तोड़कर सीधे खाया जा सकता था, क्योंकि ना उनमें रसायनों का उपयोग होता था और ना ही किसी प्रकार के केमिकल का छिड़काव। खाद के नाम पर सिर्फ गाय का गोबर डाला जाता था, जिससे सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती थीं।
लेकिन समय के साथ खेती के तौर-तरीके बदल गए। आज के किसान कम मेहनत में ज्यादा कमाई की चाह में खेतों में धड़ल्ले से केमिकल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। कीड़ों से फसल को बचाने और लंबे समय तक स्टोरेज के लिए रसायनों का छिड़काव आम बात हो गई है। इसका नतीजा यह हुआ कि सब्जियां अब पोषण की जगह जहर बनती जा रही हैं।
टमाटर, जो कि एक नाजुक सब्जी मानी जाती है, कुछ ही समय में खराब होने लगती है। कई बार मंडी में कम दाम मिलने की वजह से किसान इन्हें स्टोर कर लेते हैं। इस स्टोरेज के दौरान टमाटर सड़ने न लगें, इसके लिए एक नया तरीका अपनाया गया है — हरे टमाटर को तोड़कर केमिकल मिले पानी में डुबोना। इससे टमाटर जल्दी लाल हो जाते हैं और लंबे समय तक ताजे दिखाई देते हैं।
सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें किसान अंगूर के बाद अब टमाटर को भी केमिकल में डुबोते दिख रहे हैं। यह प्रक्रिया देखने में जितनी आसान लगती है, असल में उतनी ही खतरनाक है। इन रसायनों से टमाटर का रंग तो चमकदार हो जाता है, लेकिन इसका सेवन शरीर के लिए धीमा जहर बन जाता है।
अगर इन टमाटरों को ठीक से धोकर नहीं खाया जाए तो ये शरीर में कई तरह की बीमारियों को जन्म दे सकते हैं — जैसे फूड पॉइजनिंग, लीवर डैमेज, हार्मोनल डिसबैलेंस और लंबे समय तक सेवन करने पर कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।
ऐसे में जरूरी है कि बाजार से सब्जी खरीदते समय सतर्कता बरती जाए। लाल, चमकीले और बहुत सस्ते टमाटरों से परहेज करें। घर लाने के बाद इन्हें अच्छी तरह से बहते पानी में धोएं, हो सके तो कुछ देर के लिए बेकिंग सोडा या सिरके वाले पानी में भी भिगो दें।
किसानों को भी समझना होगा कि कमाई से ज्यादा जरूरी लोगों की सेहत है। सरकार और प्रशासन को भी ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने होंगे ताकि बाजार में जहरीले केमिकल वाले फलों और सब्जियों की बिक्री पर रोक लग सके।
आज जरूरत है चेतने की — क्योंकि जो टमाटर आपकी थाली में है, वो स्वाद के साथ-साथ मौत भी परोस सकता है।