भगवान महावीर जन्मोत्सव पर खितौला एवं सिहोरा जैन समाज द्वारा भव्य शोभायात्रा का सफल आयोजन।
महावीर स्वामी के सिद्धांतों का संकल्प लेकर जन-जन तक पहुंचाया गया अहिंसा का संदेश, सामूहिक भंडारे एवं पूजन-अर्चन के साथ मनाया गया जन्म कल्याणक महोत्सव।
सिहोरा, खितौला:
10 अप्रैल, खितौला-सिहोरा। जैन धर्म के 24वें एवं अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर पर सकल जैन समाज, खितौला एवं सिहोरा द्वारा भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। इस पावन अवसर पर भगवान महावीर की मनोहारी प्रतिमाओं के साथ नगर भ्रमण करते हुए शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा खितौला में जैन मंदिर से प्रारंभ होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई पुनः मंदिर परिसर में समाप्त हुई, वहीं सिहोरा में पंचायती जैन मंदिर से आरंभ होकर शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए पुनः जैन मंदिर पर पहुंची।
शोभायात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर के जीवन संदेश "जियो और जीने दो" का प्रचार करते हुए सत्य, अहिंसा, अचौर्य, ब्रह्मचर्य एवं अपरिग्रह के सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, अभिषेक एवं पवित्र जैन ग्रंथों का पाठ भी आयोजित किया गया। भगवान महावीर के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाते हुए धार्मिक झांकियों एवं रथों के माध्यम से शांति, अहिंसा और धर्म की प्रभावशाली प्रस्तुति दी गई।
महावीर जयंती के इस पावन पर्व पर सामुदायिक एकता और धार्मिक सौहार्द का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हुए खितौला के मंदिर जी परिसर में विशाल सामूहिक भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रेमपूर्वक भागीदारी की।
इस भव्य आयोजन में खितौला एवं सिहोरा जैन समाज के सभी धर्मालंबियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता निभाई। प्रमुख रूप से अरुण जैन, संजय जैन, रविन्द्र जैन, अनिल जैन खितौला, अंकुर जैन, नीरज जैन, दीपेश जैन, राहुल सिघाई, सेन मामा, अधिवक्ता अंकुर जैन सैंकी, अधिवक्ता नितेश जैन, विनय जैन, मनीष जैन, सन्मति जैन, आनंद मोहन जैन, अमन जैन खितौला, पप्पी जैन, संजय दानपति, ऋषभ जैन, राकेश मासाब आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।
पूरे आयोजन में धार्मिक उल्लास, समाजिक समरसता एवं संगठनात्मक एकता की भावना स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हुई, जिससे यह महावीर जयंती समारोह अत्यंत प्रभावशाली एवं सफल सिद्ध हुआ।