संबोधि दिवस पर ओशो प्रेमियों ने किया ध्यान साधना, लायंस अध्यक्ष अरुण सोनी का जन्मदिवस भी मनाया।
गंधर्व बिहार कृषि फार्म पर भजन-कीर्तन और ध्यान साधना के साथ ओशो प्रेमियों ने दी शुभकामनाएं।
विदिशा:
ओशो इंटरनेशनल के ओशो प्रेमी ध्यान, भजन और कीर्तन में निरंतर समर्पित रहते हैं। ओशो का सक्रिय ध्यान, जिसे डायनामिक मेडिटेशन के रूप में जाना जाता है, न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। ओशो प्रेमियों का मानना है कि यह ध्यान विधि तन, मन और मस्तिष्क को शुद्ध करती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है।
अखिल भारतीय स्वर्णकार महासभा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं लायंस क्लब विदिशा के अध्यक्ष लायन अरुण कुमार सोनी ने बताया कि प्रतिवर्ष 1 मार्च से 21 मार्च तक विशेष रूप से सक्रिय ध्यान का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्वभर में फैले ओशो केंद्रों पर भी आयोजित किया जाता है। 21 मार्च को ओशो ने मौल श्री के वृक्ष के नीचे संबोधि (ज्ञान) प्राप्त किया था, इसलिए इस दिन को विशेष रूप से संबोधि दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विदिशा में ओशो प्रेमियों ने संबोधि दिवस के अवसर पर विशेष ध्यान, भजन और कीर्तन का आयोजन किया। ओशो के ध्यान साधना कार्यक्रमों में भाग लेने वाले साधकों का कहना है कि इस साधना से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि कई लोगों ने इसे अपनाकर अपने शारीरिक और मानसिक विकारों से मुक्ति भी पाई है।
इस शुभ अवसर पर लायंस क्लब अध्यक्ष एवं ओशो प्रेमी लायन अरुण कुमार सोनी का जन्मदिवस भी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। शहरभर में कई स्थानों पर उनके जन्मदिवस को लेकर उत्सव का माहौल देखने को मिला। इसी क्रम में गंधर्व बिहार कृषि फार्म पर भी ओशो प्रेमियों ने मिलकर उनका जन्मदिवस धूमधाम से मनाया। इस दौरान उपस्थित साधकों और प्रेमियों ने केक काटकर उन्हें बधाइयां दीं और शुभकामनाएं अर्पित कीं।
कार्यक्रम में ओशो प्रेमियों ने ध्यान साधना के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में ध्यान न केवल मन को शांत करता है, बल्कि आंतरिक उर्जा को जागृत कर व्यक्ति को सकारात्मकता की ओर अग्रसर करता है। ओशो के विचारों और उनकी ध्यान पद्धतियों का अनुसरण करने वाले अनेक लोगों ने अपने जीवन में बड़े बदलाव का अनुभव किया है।
इस अवसर पर लायंस क्लब अध्यक्ष लायन अरुण कुमार सोनी ने सभी ओशो प्रेमियों और उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ध्यान और साधना मनुष्य को आध्यात्मिक ऊंचाइयों की ओर ले जाती है और ओशो का संदेश सम्पूर्ण मानवता के लिए कल्याणकारी है।
कार्यक्रम के अंत में सभी को प्रसाद एवं स्वल्पाहार वितरित किया गया। ओशो प्रेमियों ने संकल्प लिया कि वे ध्यान और प्रेम के इस पथ पर निरंतर अग्रसर रहेंगे और ओशो की शिक्षाओं को समाज में प्रचारित करेंगे।