अतरसुमा में श्री शतचंडी महायज्ञ के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
कथावाचक ने सुनाई भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा, ग्रामवासियों ने की भव्य झांकी एवं पूजन अर्चन।
सिलौंडी,अतरसुमा:
ग्राम अतरसुमा में आयोजित श्री शतचंडी महायज्ञ के अंतर्गत भव्य धार्मिक आयोजन के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया गया। श्री श्री 1008 स्वामी सोमनंद गिरी जी महाराज के सानिध्य में चल रहे इस महायज्ञ में कथावाचक श्रीमती हर्षलता उपाध्याय ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाई।
कथावाचक ने बताया कि किस प्रकार मथुरा के अत्याचारी राजा कंस ने अपनी बहन देवकी के सात पुत्रों की हत्या की और जब आठवें पुत्र के रूप में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया तो जेल के ताले स्वतः खुल गए, पहरेदार निद्रा में लीन हो गए और वासुदेव जी भगवान को टोकरी में रखकर गोकुल पहुंचाने में सफल हुए। इस भावपूर्ण कथा को सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।
ग्रामवासियों ने इस पावन अवसर पर भव्य झांकी सजाकर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप का पूजन अर्चन किया। झांकी के साथ बैंड-बाजों और भक्ति गीतों के बीच ग्रामवासी नृत्य कर आनंदित हुए। जन्मोत्सव के अवसर पर जैसे ही शंख और घंटा-घड़ियालों की ध्वनि गूंजी, पूरा पंडाल "नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की" जयकारों से गूंज उठा।
कार्यक्रम के दौरान सिलौंडी मंडल अध्यक्ष मनीष बागरी और भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुरेश राय ने कथावाचक श्रीमती हर्षलता उपाध्याय का सम्मान करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया। इस भव्य आयोजन में ग्रामवासियों की व्यापक सहभागिता रही, जिससे आयोजन अत्यंत भव्य और प्रेरणादायक बना।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे जगन्नाथ गौतम, राजेश चनपुरिया, राजा साहू, अन्नू साहू, सतीश चनपुरिया, मनोज गौतम, सुशील साहू नेगाई, राम लोचन राय, अजीत साहू, हेमचंद्र राय नेगाईं, प्रशांत राय नेगाईं, अन्नू पाल, धनीराम विश्वकर्मा, रामबिहारी चनपुरिया, रमन चनपुरिया, कमलेश परौहा सहित समस्त ग्रामवासियों ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
ग्रामवासियों ने इस महायज्ञ और भव्य जन्मोत्सव के आयोजन को क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पल बताया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और सुख-समृद्धि की कामना की। आयोजन समिति ने बताया कि महायज्ञ के आगामी दिनों में भी विविध धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आसपास के ग्रामों से भी श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
यह भव्य आयोजन क्षेत्र में आस्था और भक्ति के रंग भरने वाला रहा। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के इस पावन अवसर पर ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि वे धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में सदैव तत्पर रहेंगे।