नरेंद्र मोदी विचार मंच के तत्वावधान में मातृशक्ति का भव्य सम्मान समारोह संपन्न।
महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के संदेश के साथ मातृशक्ति का गौरवपूर्ण सम्मान।
कटनी:
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नरेंद्र मोदी विचार मंच,सर्वधर्म जनसेवा मंच समिति मध्यप्रदेश और अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व समाजसेवी एवं अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी द्वारा किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रही मातृशक्तियों का भव्य एवं आत्मीय सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन दुबे कॉलोनी स्थित मां गायत्री मंदिर परिसर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मां गायत्री के पूजन-अर्चन, गायत्री मंत्र उच्चारण और खंड दीप यज्ञ प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस दौरान मंचासीन अतिथियों ने विधिवत पूजा-पाठ कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मंचासीन अतिथियों के रूप में मां गायत्री परिवार की वरिष्ठ सदस्य गीता शिवहरे,वार्ड पार्षद सीमा श्रीवास्तव, शासकीय शिक्षिका सारिका गुप्ता, मानवाधिकार आयोग प्रदेशाध्यक्ष सरस्वती सोनी, वार्ड पार्षद वंदना यादव, तथा गोल्ड मेडल प्राप्त प्राचार्या रजनी सोनी उपस्थित रहीं।
इस सम्मान समारोह के मुख्य उद्देश्य के रूप में समाज में कार्यरत मातृशक्तियों को सम्मानित कर उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनने के लिए प्रेरित करना था। समाजसेवी एवं अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि महिलाएं समाज की रीढ़ हैं और उन्हें हर परिस्थिति का डटकर सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि शिक्षा ही वह माध्यम है जो समाज के हर वर्ग को सशक्त बना सकती है। उन्होंने यह भी कहा, "शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो जितना अधिक पिएगा, उतना ही प्रचंड दहाड़ेगा।"
रेखा अंजू तिवारी ने आगे कहा कि प्रत्येक महिला को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और समाज सेवा को स्वार्थ की भावना से नहीं, बल्कि एक सारथी के रूप में करना चाहिए। उन्होंने महिलाओं और बेटियों को यह संदेश दिया कि वे हर परिस्थिति में आत्मनिर्भर बनें और समाज में सम्मानपूर्वक जीवन यापन करें।
कार्यक्रम के दौरान मंचासीन अतिथियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। गीता शिवहरे ने कहा कि महिलाओं को समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सीमा श्रीवास्तव ने बताया कि महिलाएं ही समाज के निर्माण की आधारशिला होती हैं और उन्हें हर स्थिति में मजबूती से खड़ा रहना चाहिए। वहीं, सरस्वती सोनी ने महिला सशक्तिकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और समाज को उनके योगदान पर गर्व होना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान समाजसेवी रेखा अंजू तिवारी ने उपस्थित मातृशक्तियों को जय श्रीराम दुपट्टा और पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया, जिससे उनका मनोबल और गौरव बढ़ा। यह सम्मान उन मातृशक्तियों को दिया गया जो समाज सेवा, शिक्षा, चिकित्सा, प्रशासन और अन्य क्षेत्रों में विशेष योगदान दे रही हैं। इस सम्मान से महिलाओं और बेटियों में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार हुआ।
इस अवसर पर विशेष रूप से सर्वधर्म जनसेवा मंच समिति उपाध्यक्ष राकेश सैनी,मां गायत्री जिला समन्वयक प्रफुल्ल सोनी, तहसील समन्वयक रोशनी तिवारी,छबिलाल साहू, सौदान सिंह अंजाना, अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संस्थापक सरमन तिवारी,अनुसूचित बालक छात्रावास अधीक्षक ए के मेहरा सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के सफल संचालन की जिम्मेदारी जगदीश भदौरी ने कुशलतापूर्वक निभाई। इस दौरान उपस्थित महिलाओं, बच्चों और क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया। उपस्थित नन्हे-मुन्ने बच्चों और महिलाओं के बीच इस भव्य सम्मान समारोह ने आत्मविश्वास और सामाजिक जागरूकता का माहौल बनाया।
कार्यक्रम के समापन पर समाजसेवी रेखा अंजू तिवारी ने सभी का आभार व्यक्त किया और यह संदेश दिया कि यदि हर महिला शिक्षित और आत्मनिर्भर होगी तो समाज और राष्ट्र का उत्थान निश्चित है। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से अपील की कि वे शिक्षा, समाजसेवा और आत्मनिर्भरता की दिशा में निरंतर प्रयासरत रहें और समाज में अपनी पहचान बनाए रखें।
इस भव्य कार्यक्रम के माध्यम से क्षेत्र की मातृशक्तियों के सम्मान और आत्मनिर्भरता के प्रति एक नई जागरूकता उत्पन्न हुई। महिलाओं ने इस भव्य आयोजन के लिए नरेंद्र मोदी विचार मंच,सर्वधर्म जनसेवा मंच समिति मध्यप्रदेश एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार का आभार व्यक्त किया और यह संकल्प लिया कि वे समाज में शिक्षा, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
यह कार्यक्रम समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत बना और क्षेत्र की महिलाओं व बेटियों के मन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। इस भव्य आयोजन ने यह साबित कर दिया कि जब महिलाएं शिक्षित और सशक्त होंगी, तभी समाज और राष्ट्र का वास्तविक उत्थान संभव है।