सिलौंडी में डाकघर बना परेशानी का सबब, तय समय पर नहीं खुलता कार्यालय।

 सिलौंडी में डाकघर बना परेशानी का सबब, तय समय पर नहीं खुलता कार्यालय।

ग्रामीणों को करना पड़ रहा है बार-बार चक्कर, पोस्टमैन की मनमानी से त्रस्त लोग।

सिलौंडी:

ग्रामीण अंचल के लोगों को अपनी चिट्ठी-पत्री, बैंकिंग सेवाओं और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए डाकघर पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन सिलौंडी में स्थित डाकघर की अव्यवस्था ने लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है। डाकघर के खुलने और बंद होने का कोई तय समय नहीं है, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।  

ग्रामीणों का आरोप है कि डाकघर का संचालन पूरी तरह से लापरवाही और मनमानी पर आधारित हो गया है। ग्राम निवासी गोलू जैन, अंकुल वंशकार, संजोग राय और मनोज नेगाईं सहित कई लोगों ने बताया कि वे बीते तीन दिनों से डाकघर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन हर बार ताला लटका मिलता है। सुबह 11:30 बजे तक भी कार्यालय नहीं खुलता, जबकि सरकारी नियमों के अनुसार डाकघर का एक निर्धारित समय होता है।  

     पोस्टमैन की मनमानी से ग्रामीण परेशान:

स्थानीय लोगों का कहना है कि डाकघर के संचालन में पोस्टमैन की मनमानी चल रही है। कोई निर्धारित समय न होने के कारण कभी यह 12 बजे खुलता है, तो कभी 1 बजे, और कई बार तो पूरे दिन कार्यालय नहीं खोला जाता। इस अनियमितता के चलते कई ग्रामीण बिना काम किए ही वापस लौटने को मजबूर हो जाते हैं। खासतौर पर वे लोग जो अपनी पेंशन, डाक संबंधित सेवाओं और बचत योजनाओं के काम से आते हैं, उन्हें अधिक दिक्कत होती है।  

डाकघर के आस-पास रहने वाले लोगों ने भी इस समस्या की पुष्टि करते हुए बताया कि कई बार पोस्टमैन बिना किसी सूचना के छुट्टी पर चला जाता है, जिससे जरूरी काम अटक जाते हैं।  

सूचना पट्ट का भी अभाव, लोग भटकने को मजबूर:

डाकघर की एक और बड़ी समस्या यह है कि इसके बाहर किसी भी प्रकार की सूचना पट्ट नहीं लगाया गया है, जिससे नए लोगों को यह पता ही नहीं चलता कि यहां डाकघर स्थित है। पहली बार आने वाले लोग डाकघर को खोजने में ही परेशान हो जाते हैं।  

स्थानीय लोगों का कहना है कि डाकघर प्रशासन की यह लापरवाही लंबे समय से चल रही है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। क्षेत्र में रहने वाले व्यापारियों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और भी अधिक परेशानी भरी हो गई है।  

डाक सेवाओं पर पड़ा असर, ग्रामीणों की उच्च अधिकारियों से मांग:

डाकघर की इस अनियमितता के चलते न केवल व्यक्तिगत बल्कि व्यावसायिक कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। कई ग्रामीणों के जरूरी कागजात और पार्सल समय पर नहीं मिल पाते, जिससे उन्हें अन्य सरकारी और निजी कार्यों में भी देरी का सामना करना पड़ता है।  

ग्रामवासियों ने संबंधित उच्च अधिकारियों से मांग की है कि डाकघर की कार्यप्रणाली को सुचारू किया जाए और इसे निर्धारित समय पर संचालित किया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।  

अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस लापरवाही को सुधारने के लिए क्या कदम उठाता है, या फिर ग्रामीणों को इसी तरह अनियमित डाक सेवाओं का शिकार होना पड़ेगा।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी
संपर्क सूत्र:9977110734

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