जिला जेल का न्यायाधीशगणों द्वारा व्यापक निरीक्षण:बंदियों से संवाद,सुविधाओं का आकलन और सुधार पर जोर।

 जिला जेल का न्यायाधीशगणों द्वारा व्यापक निरीक्षण:बंदियों से संवाद,सुविधाओं का आकलन और सुधार पर जोर।

न्यायिक अधिकारियों ने जेल व्यवस्था का किया गहन अध्ययन, बंदियों को कानूनी सहायता के प्रति किया जागरूक।

विदिशा:

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जाकिर हुसैन के मार्गदर्शन में जिला जेल विदिशा का न्यायाधीशगणों द्वारा निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल में उपलब्ध सुविधाओं का मूल्यांकन करना, बंदियों की समस्याओं को समझना और न्यायिक प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक सुधारों पर ध्यान देना था।  

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रमाकांत भारके और न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नितेन्द्र सिंह तोमर ने संयुक्त रूप से जेल का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने जेल में निरुद्ध बंदियों से मुलाकात कर उनके प्रकरणों की जानकारी ली और न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए विभिन्न कानूनी उपायों से अवगत कराया।  

निरीक्षण के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट रमाकांत भारके ने जेल की रसोई व्यवस्था, भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि बंदियों को संतुलित और पौष्टिक भोजन प्राप्त हो रहा है तथा सफाई व्यवस्था उचित रूप से संचालित हो रही है। इसके साथ ही, जेल में संधारित विभिन्न पंजियों की जांच की गई, जिसमें कैदियों के रिकॉर्ड, चिकित्सा सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं से संबंधित जानकारी शामिल थी।  

बंदियों को कानूनी सहायता के प्रति किया जागरूक:

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नितेन्द्र सिंह तोमर ने जेल में निरुद्ध बंदियों से उनके प्रकरणों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि सभी बंदियों को न्यायिक प्रक्रिया की पूरी जानकारी हो और वे अपनी कानूनी अधिकारों से अवगत हों। उन्होंने विशेष रूप से यह जानकारी दी कि यदि किसी बंदी के पास निजी अधिवक्ता की सुविधा नहीं है, तो उसे शासकीय अधिवक्ता निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में आवश्यक प्रक्रिया एवं नियमों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई।  

   जेल अधीक्षक ने दी महत्वपूर्ण जानकारियाँ:

जेल अधीक्षक प्रियदर्शन श्रीवास्तव ने जेल की विभिन्न व्यवस्थाओं की जानकारी न्यायाधीशगणों को दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला जेल विदिशा में कुल 267 बंदी निरुद्ध हैं, जिनमें 171 विचाराधीन एवं 96 सजायाफ्ता बंदी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जेल प्रशासन बंदियों को उचित सुधारात्मक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।  

बंदियों से मिलने आने वाले परिजनों के लिए प्रतीक्षालय की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया गया, जिसमें यह देखा गया कि मुलाकात की प्रक्रिया सुगम और सुव्यवस्थित हो। निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि बंदियों के मानवाधिकारों का पालन हो और उन्हें किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।  

इस निरीक्षण में एलएडीसीएस अनिमेष तिवारी भी उपस्थित रहे। पूरे निरीक्षण के दौरान जेल प्रशासन ने न्यायाधीशगणों को विस्तृत जानकारी प्रदान की और न्यायिक अधिकारियों ने आवश्यक सुधारों को लागू करने की दिशा में अपने सुझाव दिए।  

इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य जेल प्रशासन को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाना था, जिससे बंदियों को उचित न्याय, स्वास्थ्य सुविधाएँ और आवश्यक सुधारात्मक सेवाएँ मिल सकें।


ग्रामीण खबर mp से विदिशा जिला ब्यूरो यशवंत सिंह रघुवंशी की रिपोर्ट।

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