स्वच्छ भारत मिशन की खुली पोल,ग्राम पंचायत शनकुई में सफाई व्यवस्था चरमराई,गंदगी से लोग परेशान।
शिकायतों के बावजूद नहीं हो रही सफाई, नालियों का गंदा पानी सड़क पर बह रहा, बीमारियों के खतरे से सहमे ग्रामीण।
शनकुई,ढीमरखेड़ा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता को प्राथमिकता देने की बात कही जाती है, लेकिन ग्राम पंचायत शनकुई में इस योजना की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यहां की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। वार्ड क्रमांक 3 सहित अन्य इलाकों में पिछले तीन सालों से नालियों की सफाई नहीं हुई है, जिससे गंदगी खुलेआम सड़कों पर बह रही है।
गांव के लोगों का कहना है कि हर जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है, जिससे बदबू और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्थिति यह है कि स्थानीय प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। लोग इस गंदगी में जीने को मजबूर हैं, लेकिन पंचायत के सरपंच और सचिव इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे।
गंदगी और बदबू से परेशान ग्रामीणों की बढ़ती समस्या:
गांव की नालियां बजबजा रही हैं, जिससे सड़कों पर गंदे पानी की धाराएं बह रही हैं। इस कारण लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को इस स्थिति में काफी परेशानी हो रही है। बदबू इतनी अधिक है कि लोगों का घरों में रहना भी मुश्किल हो गया है।
स्थानीय महिलाओं ने बताया कि वे सफाई की मांग को लेकर कई बार पंचायत गईं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। गांव में गंदगी के कारण मच्छरों की संख्या भी बढ़ गई है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। कई बार बच्चे और बुजुर्ग गंदे पानी में फिसलकर गिर चुके हैं, लेकिन प्रशासन को इसकी कोई परवाह नहीं है।
शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं, सीएम हेल्पलाइन भी बेअसर:
गांव के निवासियों ने पंचायत से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक कई बार शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। पंचायत की ओर से केवल आश्वासन दिया जाता है, लेकिन सफाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
गांव के लोगों का कहना है कि पंचायत चुनाव के समय नेता सफाई और विकास के बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी इन समस्याओं पर ध्यान नहीं देता। लोगों की मांग है कि अगर प्रशासन जल्द से जल्द सफाई अभियान नहीं चलाता तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
बारिश में स्थिति और भयावह, संक्रमण का बढ़ जाता है खतरा:
गांव के लोगों ने बताया कि बारिश के समय यह समस्या और अधिक गंभीर हो जाती है। गंदा पानी घरों तक घुस जाता है, जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कई बार बच्चों और बुजुर्गों को पेट की बीमारियां, त्वचा संक्रमण और बुखार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की जाती।
गांव के लोगों का कहना है कि जब तक पंचायत प्रशासन सफाई व्यवस्था को दुरुस्त नहीं करता, तब तक ग्रामीण चैन से नहीं बैठेंगे। अगर जल्द ही सफाई नहीं कराई गई तो ग्रामीण बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और प्रशासन को इसके लिए जवाब देना होगा।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव-गांव में सफाई को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई इससे कोसों दूर है। ग्राम पंचायत शनकुई की स्थिति इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस समस्या को कब तक नजरअंदाज करता है और ग्रामीणों को इस गंदगी से कब निजात मिलती है।