श्री राम कथा में हनुमान जी ने किया लंका दहन की कथा सुनकर भक्त हुए मन्त्रमुग्ध।
सिलौंडी:
गनियारी में आयोजित श्री राम कथा एवं श्री राम महायज्ञ में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया जब कथावाचक पंडित श्री राकेश कुमार त्रिपाठी ने अपनी सजीव वाणी से भगवान श्री राम के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया। कथा के दौरान उन्होंने माता सीता हरण के बाद माता सीता की खोज, श्री राम एवं सुग्रीव मिलन, बाली वध और हनुमान जी द्वारा लंका दहन की कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। जैसे ही उन्होंने हनुमान जी के लंका दहन का प्रसंग सुनाया, पूरा पंडाल जय श्री राम के उद्घोष से गूंज उठा और श्रद्धालु भावविभोर हो गए।
कथावाचक ने विस्तार से बताया कि किस प्रकार भगवान श्री राम की आज्ञा से हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे। वहां उन्होंने लंकापति रावण के भाई विभीषण से भेंट की, जिन्होंने उन्हें माता सीता के अशोक वाटिका में होने की जानकारी दी। हनुमान जी ने जब माता सीता को देखा और भगवान श्री राम का संदेश दिया, तब माता सीता की आंखों में अश्रु छलक आए। इसके बाद हनुमान जी ने अपनी शक्ति से राक्षसों का संहार किया, जिससे पूरी लंका में हलचल मच गई।
रावण के आदेश पर मेघनाद ने हनुमान जी को बंदी बना लिया और उन्हें रावण के दरबार में प्रस्तुत किया गया। वहां हनुमान जी और रावण के बीच संवाद हुआ, जिसमें हनुमान जी ने रावण को श्री राम के शरण में आने की सलाह दी। लेकिन अहंकारी रावण ने उनकी पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया। जैसे ही हनुमान जी की पूंछ में आग लगाई गई, उन्होंने अपनी शक्ति से अपने शरीर को विशाल रूप धारण कर लिया और संपूर्ण लंका को अग्नि के हवाले कर दिया। देखते ही देखते सोने की लंका जलकर भस्म हो गई। इस प्रसंग को सुनकर श्रद्धालु भक्त भगवान श्री राम और हनुमान जी की भक्ति में लीन हो गए।
कथा के इस पावन अवसर पर क्षेत्र के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। मंडल अध्यक्ष मनीष बागरी, सरपंच गोकर्ण मिश्रा और वरिष्ठ पत्रकार अमरेश राय ने कथावाचक पंडित श्री राकेश कुमार त्रिपाठी का पुष्पमाला और शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
पूरे आयोजन में ग्रामवासियों की भारी उपस्थिति देखने को मिली। कार्यक्रम के संरक्षक उमेश पांडे, यज्ञ समिति के प्रमुख सदस्य किशन मिश्रा, राकेश पटेल, जगपाल पटेल, भोला मिश्रा, प्रमोद पटेल सहित अन्य श्रद्धालु भक्तजन भी मौजूद रहे। ग्रामीणों ने इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया और सभी ने मिलकर इसे भव्य रूप दिया।
श्री राम कथा का यह दिव्य आयोजन पूरे क्षेत्र में भक्ति की भावना को प्रबल कर गया। श्रद्धालुओं ने कहा कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों से समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और युवा पीढ़ी को अपने धर्म और संस्कृति से जोड़ने का अवसर मिलता है। कथा के अंत में श्रद्धालुओं ने भगवान श्री राम और हनुमान जी की आरती की और भक्ति में लीन होकर प्रभु श्री राम के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित की।