मनरेगा कार्यों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी, ग्रामीणों ने की जांच की मांग।

 मनरेगा कार्यों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी, ग्रामीणों ने की जांच की मांग।

ग्रामीणों ने विधायक को सौंपा ज्ञापन, जिला सीईओ को जांच के निर्देश।

ढीमरखेड़ा:

बड़वारा विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह के ग्राम कटारिया प्रवास के दौरान ग्राम पंचायत महगवां देगवा के ग्रामीणों ने मनरेगा के तहत हुए विभिन्न निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत सचिव, सरपंच और इंजीनियर की मिलीभगत से विकास कार्यों में धांधली कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया है।  

ग्रामीणों का आरोप है कि बाउंड्री वॉल निर्माण केवल 80 mm में कराया गया, जबकि रिकॉर्ड में इसे 110 mm दर्शाकर अतिरिक्त राशि आहरित कर ली गई। तालाब जीर्णोद्धार कार्यों में लाखों रुपये के फर्जी बिलों के माध्यम से गबन किया गया। इसी तरह, नाला तट सुंदरीकरण के नाम पर बिना कोई कार्य कराए ही भुगतान कर दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा।  

ग्रामीणों के अनुसार, इन भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें पहले भी जिला प्रशासन को दी गई थीं, लेकिन अभी तक कोई जांच या कार्रवाई नहीं हुई। इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने विधायक से मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।  

    विधायक ने दिए तत्काल जांच के निर्देश:

ग्रामवासियों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने तुरंत जिला सीईओ को निर्देश दिए कि वे इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजना में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।  

गांव में बढ़ रहा आक्रोश, पारदर्शिता की उठी मांग:

ग्रामीणों ने पंचायत में लगातार हो रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर करने के लिए निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस मामले की गंभीरता से जांच नहीं की गई, तो वे आगे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।  

मनरेगा घोटाले पर बढ़ती प्रशासनिक उदासीनता:

गौरतलब है कि मनरेगा का उद्देश्य ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन है, लेकिन कई जगहों पर भ्रष्टाचार के कारण इस योजना का सही क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। महगवां देगवा पंचायत में भी यही स्थिति देखने को मिल रही है, जहां सरकारी धन का दुरुपयोग कर फर्जी बिलों के माध्यम से लाखों रुपये की हेराफेरी की गई है। ग्रामीणों की मांग है कि न केवल इन मामलों की निष्पक्ष जांच हो, बल्कि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों, इसके लिए भी ठोस कदम उठाए जाएं।  

ग्रामीणों को उम्मीद है कि विधायक के हस्तक्षेप के बाद इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को दंडित किया जाएगा। पंचायत स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी, ग्रामीण खबर mp,
संपर्क सूत्र:9977110734

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