भ्रष्टाचार पर तांडव: बहोरीबंद और रीठी जनपदों में बड़ा उलटफेर।
अध्यक्ष हारे, विधायक जीते—भाजपा जनपद अध्यक्षों की दुर्दशा-करण सिंह चौहान।
कटनी:
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब रीठी और बहोरीबंद जनपदों में भ्रष्टाचार की परतें खुलती नजर आईं। कांग्रेस जिला अध्यक्ष करण सिंह चौहान ने इस घटनाक्रम पर तंज कसते हुए कहा कि ‘‘जनपदों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर तांडव हुआ, एक अध्यक्ष गिरा और दूसरा लुढ़क गया, लेकिन विधायक जीत गए।’’
कटनी जिले के जनपद मुख्यालयों में बढ़ता भ्रष्टाचार
कटनी जिले में भाजपा समर्थित जनपद अध्यक्षों की दुर्दशा इस ओर इशारा करती है कि जनपद मुख्यालयों में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच चुका है। विकास कार्यों के नाम पर केवल बंदरबांट हो रही है, जिससे किसान, वृद्ध, निशक्तजन और आम नागरिक मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं।
जनपद मुख्यालयों में हो रहे इस कथित भ्रष्टाचार को लेकर जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा था। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जनपद के प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता न होने के कारण जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जनता में असंतोष पनप रहा था।
बहोरीबंद जनपद अध्यक्ष की ‘फुल नौटंकी’
कांग्रेस जिला अध्यक्ष करण सिंह चौहान ने बताया कि बहोरीबंद जनपद अध्यक्ष कटनी कलेक्ट्रेट के गेट पर नाटक करते हुए लुढ़कते नजर आए। उनकी यह हरकत जनता के बीच चर्चा का विषय बनी रही।
दूसरी ओर, रीठी जनपद अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा, जिसमें कुल 13 सदस्यों ने उनके खिलाफ मतदान किया और उन्हें पद से हटा दिया। इस घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि जनप्रतिनिधियों के कार्यों से जनपद सदस्य असंतुष्ट थे।
भाजपा समर्थित जनपद अध्यक्षों पर कांग्रेस का हमला:
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा समर्थित दोनों जनपद अध्यक्षों ने जनता के हितों की अनदेखी की। जनपद मुख्यालयों में कार्यप्रणाली को देखकर साफ होता है कि विकास कार्यों को दरकिनार कर केवल मनमानी हो रही थी। पंचायतों और स्थानीय विकास कार्यों की घोर उपेक्षा की गई, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा था।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि विकास कार्यों के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही थी और अधिकारियों तथा नेताओं की मिलीभगत से जनता के हक पर कुठाराघात किया जा रहा था। ग्राम पंचायतों को मजबूत करने के बजाय उन्हें विकास से वंचित रखा गया, जिससे ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना रहा।
जनता का रोष और आगामी चुनावों पर प्रभाव:
इस घटनाक्रम के बाद बहोरीबंद और रीठी क्षेत्र की जनता में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। जनता को उम्मीद थी कि उनके प्रतिनिधि विकास कार्यों को प्राथमिकता देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटनाक्रम का असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है। भाजपा समर्थित जनपद अध्यक्षों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव और भ्रष्टाचार के आरोपों से पार्टी की साख को नुकसान पहुंच सकता है।
विधायक की खुशी और राजनीतिक समीकरण:
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अधिक संतुष्ट क्षेत्रीय विधायक नजर आए। माना जा रहा है कि जनपद अध्यक्षों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के पीछे कहीं न कहीं राजनीतिक समीकरण भी काम कर रहे थे।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि विधायक और जनपद अध्यक्षों के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही थी, जो अब खुलकर सामने आ गई है। अविश्वास प्रस्ताव के बाद विधायक का मजबूत होना स्वाभाविक है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
भविष्य की राजनीति और जनता की उम्मीदें:
इस घटनाक्रम ने बहोरीबंद और रीठी की राजनीति में भूचाल ला दिया है। भाजपा समर्थकों के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, जबकि कांग्रेस इसे अपने लिए एक सकारात्मक संकेत मान रही है।
अब देखना यह होगा कि नए जनपद अध्यक्ष किस प्रकार से जनता की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं और क्या वे भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दे पाते हैं या नहीं। जनता अब बारीकी से हर निर्णय पर नजर रख रही है और आने वाले चुनावों में इसका असर साफ तौर पर देखा जा सकता है।