जनपद पंचायत नटेरन में पेयजल समस्या को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित।
जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि यशपाल रघुवंशी ने सेऊ और नटेरन में पेयजल समस्या पर जताई नाराजगी।
नटेरन:
जनपद पंचायत नटेरन में आज पेयजल एवं अन्य योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि यशपाल रघुवंशी ने गर्मी के शुरुआती समय में ही सेऊ और नटेरन क्षेत्र में उत्पन्न हो रही पेयजल समस्या को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत चल रहे कार्यों को शीघ्र पूर्ण किया जाए, ताकि गर्मियों में ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े।
बैठक के दौरान एसडीएम अजय प्रताप सिंह पटेल ने कहा कि यदि किसी ग्राम में पेयजल की समस्या उत्पन्न होती है तो प्रशासन निजी जल स्रोतों को भी अधीनस्थ कर सकता है, ताकि ग्रामीणों को पानी की समस्या न हो। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में पेयजल संकट को टालने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों से फीडबैक लिया जा रहा है और प्रशासन इसके समाधान के लिए गंभीर है।
जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि यशपाल रघुवंशी ने सेऊ और नटेरन क्षेत्र में जल जीवन मिशन के अंतर्गत अभी तक शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण न होने और सभी नागरिकों को पेयजल उपलब्ध न होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए शीघ्र समस्या के समाधान के निर्देश दिए।
सीईओ जितेंद्र सिंह धाकरे ने समीक्षा बैठक के दौरान पंचायतवार सभी सरपंचों और सचिवों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी ग्राम में पेयजल की समस्या उत्पन्न न हो। साथ ही सभी नल-जल योजनाओं और पंचायत कार्यों की समीक्षा कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि गर्मी के दौरान नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध हो सके।
बैठक के दौरान स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद होने वाले प्रवेश को लेकर भी चर्चा की गई। अधिकारियों ने स्कूलों की व्यवस्थाओं और मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देने के निर्देश दिए।
बैठक में सगड़ बांध परियोजना, पीएचई विभाग, जनपद सदस्य प्रतिनिधि दिमान कुशवाह, सभी सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, जनपद के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयास करने पर सहमति जताई।
जनपद पंचायत नटेरन द्वारा आयोजित इस समीक्षा बैठक का उद्देश्य गर्मी के मौसम में ग्रामीणों को निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना और संबंधित विभागों के कार्यों की प्रगति का जायजा लेना था।