विधायक संजय पाठक ने विधानसभा में उठाई बरही क्षेत्र के 10 ग्राम पंचायतों की तहसील परिवर्तन की मांग।
ग्रामीणों की सुविधा के लिए तहसील मुख्यालय बदलने का अनुरोध।
कटनी:
विधानसभा सत्र के दौरान विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक ने याचिका के माध्यम से विजयराघवगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाली 10 ग्राम पंचायतों के तहसील परिवर्तन का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि इन ग्राम पंचायतों को विजयराघवगढ़ तहसील से हटाकर बरही तहसील में शामिल किया जाए, जिससे ग्रामीणों को प्रशासनिक कार्यों में अधिक सुविधा मिल सके।
ग्रामीणों को हो रही असुविधा:
विधायक संजय पाठक द्वारा प्रस्तुत याचिका में बताया गया कि ग्राम पंचायत लखनपुरा, इटौरा, इटमा, महानदी हरदुआ, कूटेश्वर, तिमुआ, उबरा, गैरतलाई, जारारौड़ा और धवैया के निवासियों को तहसील संबंधित कार्यों के लिए विजयराघवगढ़ जाना पड़ता है, जिसकी दूरी 30 से 50 किलोमीटर तक है। वहीं, बरही तहसील इन ग्रामों से मात्र 5 से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इतनी लंबी दूरी तय करने के कारण ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों के अनुसार, विजयराघवगढ़ तहसील मुख्यालय तक पहुंचने के लिए उन्हें अतिरिक्त समय और खर्च वहन करना पड़ता है। क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण आम नागरिकों को निजी साधनों का उपयोग करना पड़ता है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ता है। इसके अलावा, बारिश के मौसम में यात्रा करना और भी मुश्किल हो जाता है।
तहसील परिवर्तन से क्या होंगे लाभ:
विधायक संजय पाठक ने कहा कि यदि इन ग्राम पंचायतों को बरही तहसील में स्थानांतरित कर दिया जाता है, तो ग्रामीणों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी—
1.समय की बचत– बरही तहसील निकट होने के कारण ग्रामीणों को अपने कार्यों के लिए कम समय लगाना पड़ेगा।
2.आर्थिक राहत– लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे यात्रा में होने वाले खर्च में कमी आएगी।
3.प्रशासनिक कार्यों में तेजी– तहसील कार्यालय पास होने से दस्तावेज़ी कार्य, राजस्व से जुड़े मामले और अन्य प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से पूरे किए जा सकेंगे।
4.आपातकालीन सेवाओं की पहुंच– ग्रामीणों को न्यायिक और राजस्व से संबंधित आपातकालीन सेवाओं का लाभ शीघ्रता से मिलेगा।
विधानसभा में रखी गई मांग:
विधायक संजय पाठक ने विधानसभा में यह मांग उठाते हुए कहा कि प्रशासन को जनता की सुविधा के अनुसार निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि बरही तहसील का भूगोल और प्रशासनिक स्थिति इन पंचायतों के लिए अधिक अनुकूल है। साथ ही, क्षेत्रीय विकास के दृष्टिकोण से भी यह बदलाव लाभदायक होगा।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस मांग को गंभीरता से लिया जाए और शीघ्र निर्णय लेकर ग्रामीणों को राहत प्रदान की जाए। इस मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा हुई, और अब सभी की निगाहें सरकार के निर्णय पर टिकी हुई हैं। यदि यह प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है, तो हजारों ग्रामीणों को सीधा लाभ मिलेगा और वे बेहतर प्रशासनिक सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।