हर हर महादेव के जयकारों से गूंजा उदयपुर,सुबह से ही शिवालयों मैं शिवभक्तों की उमड़ी भीड़।
नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता, शिवधाम गमाकर में उमड़ी भक्तों की भीड़।
उदयपुर (विदिशा):
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर नगर सहित ग्रामीण अंचलों में भक्तिभाव और हर्षोल्लास का माहौल रहा। प्राचीन नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर में रात्रि 2 बजे से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया, वहीं प्राचीन शिवधाम गमाकर में भी अल सुबह से भारी भीड़ उमड़ी।
शिव बारात और कांवड़ यात्राओं ने भक्तिभाव को किया प्रकट:
नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिव बारात और कांवड़ यात्राएं निकालते हुए उदयपुर मंदिर पहुंचे। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने महादेव का जलाभिषेक एवं रुद्राभिषेक किया। विशेष रूप से प्रयागराज महाकुंभ से लाए गए पवित्र जल से भोलेनाथ का अभिषेक किया गया।
समाजसेवियों और संगठनों ने किया भक्तों का स्वागत:
महाशिवरात्रि के अवसर पर जगह-जगह समाजसेवियों एवं विभिन्न संगठनों द्वारा श्रद्धालुओं के लिए खीर, हलवा, खिचड़ी और फलाहार के स्टॉल लगाए गए। भक्तों की सेवा में समर्पित इन आयोजनों ने श्रद्धालुओं की आस्था को और गहरा कर दिया।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम:
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए। एसडीओपी मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि मंदिर परिसर में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था ताकि कोई अव्यवस्था न हो। तहसीलदार संदीप जायसवाल ने बताया कि सांस्कृतिक विभाग द्वारा शाम को मंदिर प्रांगण में शिव सत्य की कला अभिव्यक्तियों के अंतर्गत लोकगीत, सती लीला नाट्य एवं भक्ति गायन की विशेष प्रस्तुति दी जाएगी।
ऐतिहासिक मंदिरों में भक्तों का सैलाब:
नगर से 18 किलोमीटर दूर स्थित प्राचीन नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, जिसे 10वीं शताब्दी में राजा उदयादित्य द्वारा बनवाया गया था, अपनी अद्भुत शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है। वहीं, 15 किलोमीटर दूर स्थित शिवधाम गमाकर में स्थित स्वयंभू प्रगटेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
महाप्रसादी का वितरण और पत्रकारों की उपस्थिति:
महाशिवरात्रि के अवसर पर ग्रामीण खबर एमपी विदिशा जिला ब्यूरो चीफ यशवंत सिंह रघुवंशी एवं उनके सहयोगियों द्वारा दिनभर महाप्रसादी वितरण किया गया। इस दौरान गंजबासौदा सहित विदिशा जिले के विभिन्न ब्लॉकों से आए पत्रकार साथी भी उपस्थित रहे।