महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जिला अधिवक्ता संघ में श्रद्धांजलि सभा आयोजित।
कटनी:
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर जिला अधिवक्ता संघ परिषद में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समाजसेवी व अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी के नेतृत्व में संपन्न हुआ, जिसमें जिले के कई वरिष्ठ एवं कनिष्ठ अधिवक्ताओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष संतु परौहा ने की। वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार बक्शी, राकेश कुमार शुक्ला, अधिवक्ता सावन सिंह, जूनियर अधिवक्ता रीनू पटेल सहित कई गणमान्य अधिवक्ताओं ने इस श्रद्धांजलि सभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
महात्मा गांधी के विचारों को आत्मसात करने का संकल्प:
सभा की शुरुआत महात्मा गांधी के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। उपस्थित अधिवक्ताओं ने दो मिनट का मौन रखकर गांधी जी एवं स्वतंत्रता संग्राम के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर अधिवक्ताओं ने गांधी जी के बताए मार्ग पर चलने और सत्य एवं अहिंसा को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
भजन-कीर्तन और गांधी जी के विचारों का स्मरण:
कार्यक्रम में बापू के प्रिय भजन "रघुपति राघव राजा राम…" का सामूहिक गान किया गया, जिससे वातावरण आध्यात्मिक एवं भावनात्मक हो उठा। अधिवक्ताओं ने गांधी जी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि गांधी जी का अहिंसा और सत्याग्रह का मार्ग आज भी प्रासंगिक है और हमें इसे अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
. गांधी जी के आदर्शों पर चर्चा:
वरिष्ठ अधिवक्ता राजकुमार बक्शी ने अपने संबोधन में कहा कि गांधी जी के विचार केवल स्वतंत्रता संग्राम तक सीमित नहीं थे, बल्कि उन्होंने सामाजिक एकता, आत्मनिर्भरता और नैतिक मूल्यों पर भी जोर दिया। अधिवक्ता राकेश कुमार शुक्ला ने गांधी जी के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंग सुनाए और युवाओं को उनके सिद्धांतों पर चलने की प्रेरणा दी।
. अधिवक्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति:
इस अवसर पर एडवोकेट कैलाश कुशवाहा, मोहन निषाद, ओ.पी. शर्मा, शिखा पांडेय, विकास कनौजिया, शरद यादव, ब्रजकिशोर पांडेय, प्रियंक अग्रहरी सहित अन्य वरिष्ठ एवं युवा अधिवक्ता उपस्थित रहे। सभी ने एकमत होकर गांधी जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
गांधी जी के सिद्धांतों को अपनाने का आह्वान:
कार्यक्रम का समापन करते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि गांधी जी के सत्य, अहिंसा, स्वदेशी, और समाजसेवा के सिद्धांतों को अपनाकर हम देश की प्रगति में योगदान दे सकते हैं। वक्ताओं ने युवाओं से अपील की कि वे गांधी जी के विचारों को केवल पढ़ने तक सीमित न रखें, बल्कि उन्हें अपने जीवन में अमल में भी लाएं।
कार्यक्रम गरिमामय एवं भावनात्मक वातावरण में संपन्न हुआ।