एडिप योजना के तहत 158 दिव्यांगों का उपकरणों हेतु परीक्षण सम्पन्न।
विदिशा जिले में आयोजित शिविर में 127 दिव्यांगों के लिए उपकरणों की अनुशंसा।
विदिशा:
दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और उन्हें आवश्यक सहायक उपकरण प्रदान करने की दिशा में सरकार के प्रयासों को एक और प्रोत्साहन मिला है। जिले में एडिप (असिस्टेंस टू डिसेबल्ड पर्सन्स फॉर पर्चेजिंग/फिटिंग ऑफ एडीस) योजना के तहत दिव्यांगजनों के लिए परीक्षण व पंजीयन शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों का उद्देश्य दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सहायक उपकरण उपलब्ध कराना है, जिससे वे अपनी दैनिक गतिविधियों में आत्मनिर्भरता महसूस कर सकें।
शनिवार को बासौदा में आयोजित इस शिविर में 158 दिव्यांगजनों का पंजीयन किया गया। सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक पंकज जैन ने जानकारी दी कि इनमें से 127 दिव्यांगजनों का चिकित्सकों द्वारा परीक्षण उपरांत उन्हें सहायक उपकरणों के लिए पात्र पाया गया है। उपकरणों में व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, बैसाखी, ट्राईसाइकिल, वॉकर, कृत्रिम अंग और अन्य सहायक उपकरण शामिल हैं।
. प्रक्रिया और उपकरण वितरण:
शिविर में शामिल सभी दिव्यांगजन पहले पंजीयन प्रक्रिया से गुजरते हैं, जिसमें उनके शारीरिक और मानसिक स्थिति का परीक्षण किया जाता है। इसके बाद उनकी आवश्यकताओं के आधार पर उपकरणों का चयन किया जाता है। पंकज जैन ने बताया कि जो हितग्राही पात्र पाए गए हैं, उन्हें जल्द ही उपकरण वितरित किए जाएंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल उपकरण प्रदान करना है, बल्कि दिव्यांगजनों को उनकी क्षमताओं के प्रति जागरूक कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना भी है।
. सरकार की पहल:
एडिप योजना के तहत दिव्यांगजनों को उपकरण प्रदान करने की यह पहल सरकार की उन योजनाओं का हिस्सा है, जो समाज के हाशिए पर खड़े लोगों के लिए समर्पित हैं। पंकज जैन ने बताया कि विभाग का लक्ष्य है कि कोई भी दिव्यांगजन आवश्यक सहायक उपकरणों के बिना न रहे। उन्होंने बताया कि इसके लिए जिला स्तर पर समय-समय पर ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक दिव्यांगजन लाभान्वित हो सकें।
. दिव्यांगजनों की प्रतिक्रियाएं:
शिविर में शामिल दिव्यांगजनों ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। शिविर में आए एक लाभार्थी रमेश ने कहा, "मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरी मदद के लिए कोई आएगा। लेकिन इस शिविर में आकर मुझे विश्वास हुआ कि सरकार हमारी चिंता करती है। मुझे बैसाखी की जरूरत थी, और अब मुझे यह मिलने वाली है।"
. समाज में बदलाव की दिशा में कदम:
दिव्यांगजनों के जीवन में सुधार लाने के इस प्रयास से यह स्पष्ट है कि सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के प्रति गंभीर है। इस तरह के शिविर न केवल दिव्यांगजनों को उपकरण प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें समाज में अपनी जगह बनाने का अवसर भी देते हैं।