जैविक खेती के लिए विद्यार्थियों को दिया गया तकनीकी प्रशिक्षण।

 जैविक खेती के लिए विद्यार्थियों को दिया गया तकनीकी प्रशिक्षण।

मिट्टी के प्रकार और फसलों की जानकारी के साथ स्वरोजगार की पहल

कटनी। वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय, बहोरीबंद में स्वरोजगार स्थापित करने और शिक्षा को व्यावहारिक बनाने के उद्देश्य से जैविक कृषि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्राचार्य इंद्र कुमार पटेल के मार्गदर्शन में, प्रशिक्षण समन्वयक मंजू द्विवेदी और विवेक चौबे के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे ने विद्यार्थियों को भारत में मिट्टी के प्रकारों और उनकी विशेषताओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भूमि को रंग, जलवायु, चट्टान, कण रचना, और उपजाऊपन के आधार पर आठ प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

1. जलोढ़ मिट्टी

2. दोमट मिट्टी

3. काली मिट्टी

4. लाल मिट्टी

5. पीली मिट्टी

6. लेटेराइट मिट्टी

7. शुष्क और मरुस्थलीय मिट्टी

8. लवणीय या क्षारीय मिट्टी

इन मिट्टियों में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों और उनके प्रबंधन की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान खरीफ, रबी और जायद की फसलों के अंतर्गत अनाज, दलहन, तिलहन, रेशे, चारा और शर्करा फसलों की विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला गया।

कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को जैविक खेती की तकनीकों में दक्ष बनाना और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। इस पहल से स्थानीय किसानों और विद्यार्थियों को उन्नत खेती के गुण सीखने का अवसर मिला है।


चीफ एडिटर: अज्जू सोनी
मोबाइल नंबर: 9977110734

Post a Comment

Previous Post Next Post