झरेला रेल संघर्ष: भूमिगत पुल निर्माण सहित कई मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन।
झरेला, 23 दिसंबर
भारतीय रेल संघर्ष मोर्चा और झरेला रेल संघर्ष समिति के संयुक्त नेतृत्व में आज झरेला रेल फाटक पर भूमिगत पुल निर्माण और अन्य मांगों को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन की अगुवाई मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ईश्वर चंद्र त्रिपाठी और संघर्ष समिति के अध्यक्ष बृजराज सिंह ने की।
धरना प्रदर्शन का शुभारंभ
प्रदर्शन की शुरुआत माता दुर्गा और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्तियों पर माल्यार्पण के साथ हुई। इस अवसर पर माता दुर्गा की प्रतिमा को नारियल अर्पित कर प्रसाद वितरण किया गया। झरेला और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से सैकड़ों किसानों, मजदूरों, और महिलाओं ने इसमें भाग लिया।
मुख्य मांगें और नारे
धरना प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने अपनी प्रमुख मांगों को लेकर नारों के माध्यम से आवाज बुलंद की:
1. झरेला रेल फाटक पर भूमिगत पुल का शीघ्र निर्माण।
2. पैसेंजर ट्रेन सेवाओं की तत्काल बहाली।
3. भारतीय रेलवे के निजीकरण को रद्द करना।
महिलाओं की विशेष भागीदारी ने प्रदर्शन को और मजबूत बनाया। उन्होंने "फूल नहीं चिंगारी हैं, हम भारत की नारी हैं" और "हमारी मांग पूरी करो" जैसे नारों के साथ आंदोलन को धार दी।
प्रशासन और ज्ञापन सौंपा गया
बड़वारा तहसीलदार अनुराधा सिंह ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से चर्चा की।
पंच परमेश्वर संगठन की ओर से रेखा चौधरी ने ग्रामीण स्तर की मांगों जैसे पंचों और उपसरपंचों को सम्मानजनक भत्ता दिए जाने की मांग रखी।
तहसीलदार द्वारा रेल अधिकारियों को बुलाकर उन्हें प्रदर्शनकारियों की मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।
प्रमुख उपस्थितियां
इस धरना प्रदर्शन में क्षेत्र के कई प्रमुख नेताओं और ग्रामीणों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:
ईश्वर चंद्र त्रिपाठी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय रेल संघर्ष मोर्चा)
राजेंद्र प्रसाद कोल, अवसर पाल, कमलेश महोबिया, बृजभान सिंह
रेखा बाई, केशर बाई, शीला बाई, और सैकड़ों ग्रामीण।
धरना का संकल्प
प्रदर्शनकारियों ने संकल्प लिया कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे धरने से पीछे नहीं हटेंगे।
समाप्ति और आगे की योजना
तहसीलदार और रेल अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों पर आगे कार्रवाई की उम्मीद जताई। प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।