सिमरिया उचित मूल्य की दुकान पर भ्रष्टाचार का बोलबाला, गरीबों को राशन और किसानों को खाद्य से वंचित।
गरीबों को राशन वितरण में लापरवाही, समय पर नहीं मिलता अनाज।
किसानों को खाद्य देने में भेदभाव, फसलें हो रही खराब
आर्थिक स्थिति में अचानक सुधार, भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे सेल्समेन।
उच्च स्तरीय जांच की मांग, लोकायुक्त से जांच की अपील।
ढीमरखेड़ा:-सिमरिया गांव में उचित मूल्य की दुकान के सेल्समेन रामभरोस पटेल पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रामभरोस पटेल द्वारा समय पर राशन का वितरण नहीं किया जाता, जिससे गरीब तबके के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
खाद्य वितरण में भेदभाव
सेल्समेन रामभरोस पटेल पर यह भी आरोप है कि वह खाद्य वितरण में पक्षपात करते हैं और केवल अपने करीबी किसानों को ही प्राथमिकता देते हैं। इस वजह से अधिकांश किसानों को खाद्य सामग्री समय पर नहीं मिल पाती, और उनकी फसलें खराब हो रही हैं। किसानों का कहना है कि ऐसी लापरवाही उनके जीवन-यापन पर भारी पड़ रही है।
अचानक आर्थिक उन्नति पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि सेल्समेन बनने से पहले रामभरोस पटेल की आर्थिक स्थिति बहुत साधारण थी। लेकिन, सेल्समेन बनने के बाद वह अचानक संपन्न हो गए। उनके पास आज आलिशान मकान, महंगे वाहन, और हार्वेस्टर जैसी चीजें हैं। यह स्थिति भ्रष्टाचार की ओर स्पष्ट संकेत करती है।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
गांव के लोगों ने संभागायुक्त और लोकायुक्त से अपील की है कि रामभरोस पटेल के कार्यों और संपत्ति की गहराई से जांच की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि जांच से इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होगा और सही कार्रवाई की जाएगी।
प्रभावित लोग
यह मामला न केवल गरीब परिवारों, बल्कि किसानों की आजीविका को भी प्रभावित कर रहा है। अगर इस पर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो इसका असर व्यापक और विनाशकारी हो सकता है।
समस्याओं का समाधान आवश्यक
गांववालों ने प्रशासन से अपील की है कि राशन और खाद्य वितरण की व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। इससे ग्रामीणों का प्रशासन पर विश्वास बहाल होगा।
नोट:
यह खबर प्रशासन और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है। ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाकर ही भ्रष्टाचार और लापरवाही पर लगाम लगाई जा सकती है।