अंतर्राष्ट्रीय मेडिटेशन डे: आंतरिक शांति और वैश्विक सद्भाव का संदेश।
राजयोग मेडिटेशन का महत्त्व: ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की शिक्षा का आधार।
विदिशा:
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विश्व ध्यान दिवस (21 दिसंबर) के उपलक्ष्य में विदिशा स्थित पीएम श्री नवोदय विद्यालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय “आंतरिक शांति और वैश्विक सद्भाव” था।
कार्यक्रम की मुख्य झलकियां
इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों और नागरिकों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में योगाभ्यास, सामूहिक ध्यान, और राजयोग मेडिटेशन के महत्व को उजागर किया गया।
मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने बताया, “राजयोग मेडिटेशन हमारी आत्मा की शुद्धता को बनाए रखने का माध्यम है। यह ध्यान हमारी प्राचीन संस्कृति का अमूल्य हिस्सा रहा है और आज के युग में भी इसकी प्रासंगिकता बनी हुई है। राजयोग मेडिटेशन तन-मन को स्वस्थ रखने का श्रेष्ठ साधन है।”
राजयोग मेडिटेशन के लाभ
ब्रह्माकुमारी रुक्मिणी दीदी ने बताया कि राजयोग ध्यान हर प्रकार के धर्म, जाति और संस्कृति के परे है। इसके नियमित अभ्यास से मानसिक शांति और सकारात्मकता प्राप्त होती है। उन्होंने कहा:
1. मन की शुद्धता: राजयोग से निगेटिव विचारों और भावनाओं का अंत होता है।
2. शरीर का स्वास्थ्य: अच्छे विचारों से शरीर के सभी अंगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
3. जीवन में समस्याओं का हल: मानसिक दृढ़ता के कारण जीवन की कठिनाइयों को हल करना आसान होता है।
4. आत्मविश्लेषण: यह ध्यान आत्म निरीक्षण और आत्म नियंत्रण की कला सिखाता है।
ध्यान का वैज्ञानिक आधार
कार्यक्रम के दौरान रेखा दीदी ने मेडिटेशन की प्रक्रिया को समझाते हुए बताया कि राजयोग के अभ्यास से हमारे शरीर का ऊर्जा क्षेत्र (ऑरा) सकारात्मक हो जाता है। 21 दिनों के नियमित अभ्यास से यह ऊर्जा हमारे जीवन को बदलने की क्षमता रखती है।
मेडिटेशन का अभ्यास:
विशेष ध्यान प्रक्रिया के दौरान यह सिखाया गया:
स्वयं को आत्मा के रूप में अनुभव करें।
परमात्मा से संवाद स्थापित करें।
मन की चिंताओं को परमात्मा को अर्पित करें।
आत्मा के दिव्य गुणों जैसे खुशी, शांति, और सकारात्मकता को महसूस करें।
बच्चों और युवाओं ने लिया लाभ
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों ने भाग लिया और राजयोग मेडिटेशन का अनुभव किया। दीदी ने बताया कि ध्यान का अभ्यास युवाओं के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
निष्कर्ष:
इस कार्यक्रम ने विदिशा के नागरिकों को ध्यान की शक्ति और उसके लाभों से अवगत कराया। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का यह प्रयास आंतरिक शांति और वैश्विक सद्भाव का संदेश फैलाने में सफल रहा।