प्रशासनिक लाचारी: घोटालेबाज पूर्व सरपंच पर कार्रवाई नहीं, ग्रामवासियों का न्याय की गुहार।

 प्रशासनिक लाचारी: 

घोटालेबाज पूर्व सरपंच पर कार्रवाई नहीं, ग्रामवासियों का न्याय की गुहार।

लोकायुक्त से संपत्ति की जांच और संभागायुक्त से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग, ग्रामीणों ने दी उग्र प्रदर्शन की चेतावनी।

उमरियापान। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत ग्राम पंचायत घुघरी में भ्रष्टाचार का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। ग्रामवासियों ने पूर्व सरपंच प्रमोद गौतम पर पंचायत की धनराशि के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रमोद गौतम ने अपने पद का दुरुपयोग कर अधूरे कार्यों के नाम पर लाखों रुपये का आहरण किया।

                ग्रामवासियों का आरोप

ग्रामवासियों ने बताया कि पंचायत के दस्तावेजों में एक ही सड़क को तीन बार बनाना दिखाया गया, जबकि कार्य जमीन पर पूरा नहीं हुआ। आरोप यह भी है कि प्रमोद गौतम ने अपने भतीजे दीपू गौतम को रोजगार सहायक के पद पर नियुक्त कर योजनाओं की राशि का दुरुपयोग किया।

             जांच में प्रशासनिक लापरवाही

ग्रामवासियों द्वारा कई बार शिकायत करने के बावजूद, जनपद पंचायत और जिला पंचायत ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जांच तो शुरू की गई, लेकिन लापरवाही और दबाव के चलते इसे अधूरा छोड़ दिया गया।

          रिश्वत और मिलीभगत के आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि जनपद पंचायत के कर्मचारी प्रमोद गौतम के साथ मिलीभगत कर रहे हैं। रिश्वतखोरी और राजनीतिक दबाव के चलते निष्पक्ष जांच बाधित हो रही है। प्रमोद गौतम पर भाजपा नेताओं का संरक्षण होने का भी आरोप लगाया गया है।

     पिछले रोजगार सहायक पर भी सवाल

पूर्व रोजगार सहायक रविंद्र तिवारी पर भी ग्रामवासियों ने घोटाले के आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि दीपू गौतम और रविंद्र तिवारी की सेवाएं तत्काल समाप्त की जाएं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

              ग्रामवासियों की चेतावनी

ग्रामवासियों ने स्पष्ट किया है कि यदि प्रमोद गौतम और उनकी टीम के खिलाफ निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि प्रशासन का रवैया पूरी तरह से सवालों के घेरे में है।

               प्रशासन के लिए चुनौती

यह मामला प्रशासनिक निष्पक्षता और पारदर्शिता की परीक्षा बन गया है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या प्रमोद गौतम का राजनीतिक प्रभाव प्रशासन पर हावी है? यदि ऐसा है, तो जनपद पंचायत के अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी छोड़ देनी चाहिए।

                ग्रामवासियों की मांगें:

1 प्रमोद गौतम की निष्पक्ष जांच और लोकायुक्त से संपत्ति की जांच।

2.दीपू गौतम और रविंद्र तिवारी की सेवा समाप्ति।

3 जांच में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।

                   मुख्यमंत्री से गुहार

ग्रामवासियों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाएंगे और इस मामले को शासन के शीर्ष स्तर तक ले जाएंगे। ग्रामीणों का कहना है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे अपने हक के लिए अंतिम स्तर तक लड़ाई लड़ेंगे।


प्रधान संपादक: अज्जू सोनी
संपर्क सूत्र: 9977110734

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