धूरी धान खरीदी केंद्र पर ताला, अधिकारीयों के दावे फेल, परेशान किसान दर-दर भटकने को मजबूर।
कटनी:
धूरी स्थित धान खरीदी केंद्र पर किसानों की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। केंद्र पर ताला जड़ा हुआ है, और धान की खरीदी पूरी तरह बंद है। किसान अपनी धान से भरे ट्रैक्टरों के साथ केंद्र के बाहर खड़े हैं, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। केंद्र प्रभारी गोविंद सोनी की मनमानी और अधिकारियों की लापरवाही ने किसानों को भारी परेशानी में डाल दिया है।
खरीदी बंद, अधिकारी नदारद
धान खरीदी केंद्र पर न तो नोडल अधिकारी मौजूद हैं और न ही नमी की जांच के लिए कोई सर्वेयर। नोडल अधिकारी ज्योति उर मालिया ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि जगह की कमी और मिलर द्वारा परिवहन न किए जाने के कारण आज खरीदी और तुलाई बंद रखी गई है।
किसान परेशान, समस्या बनी अनसुलझी
केंद्र के बाहर आधा दर्जन से अधिक किसान अपने ट्रैक्टरों में धान लेकर खड़े हैं। ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे अपनी बारी का इंतजार कर रहे किसानों की शिकायत है कि उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। वहीं, केंद्र प्रभारी गोविंद सोनी के तानाशाही रवैये ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
अधिकारियों के खोखले दावे
प्रदेश में किसानों के लिए सुचारु धान खरीदी के दावे किए जाते हैं, लेकिन धूरी खरीदी केंद्र पर स्थिति इसके विपरीत है। नमी जांच सर्वेयर की अनुपस्थिति और परिवहन में मिलर्स की सुस्ती ने समस्या को और गंभीर बना दिया है। खरीदी केंद्रों पर धान का समय पर उठाव न होना और भंडारण की कमी सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहा है।
जिम्मेदार कौन?
किसानों ने आरोप लगाया है कि खरीदी केंद्र पर नोडल अधिकारी और प्रभारी की लापरवाही के चलते उनका धान सड़ने की कगार पर है। प्रशासन से संपर्क करने पर केवल आश्वासन दिए जा रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा।
मांग: समस्या का शीघ्र समाधान हो
किसानों ने शासन-प्रशासन से अपील की है कि:
1.केंद्र पर ताला लगाने की बजाय खरीदी कार्य जारी रखा जाए।
2.धान की नमी जांच के लिए सर्वेयर और अन्य अधिकारी तुरंत केंद्र पर उपस्थित हों।
3.मिलर्स को जल्द से जल्द परिवहन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएं।
प्रभावित किसान और उनकी समस्याएं
किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो उन्हें अपनी फसल औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ेगी, जिससे उनकी मेहनत का मुनाफा बिचौलियों के हाथ चला जाएगा।