सिहोरा जिला गठन का दावा पुनर्गठन आयोग के समक्ष प्रस्तुत
सर्वदलीय सिहोरा जिला आंदोलन समिति ने भोपाल में सौंपा अभ्यावेदन
भोपाल। 12 दिसंबर।
सिहोरा को जिला बनाने की मांग को लेकर वर्षों से सक्रिय सर्वदलीय लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने आज पुनर्गठन आयोग के समक्ष अपना दावा प्रस्तुत किया। समिति ने सिहोरा को जिला घोषित किए जाने के तर्कों और लाभों का विस्तृत ब्यौरा आयोग के अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव को सौंपा।
समिति के संयोजक दिलीप दुबे के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल भोपाल के हिंदी भवन स्थित पुनर्गठन आयोग के कार्यालय पहुंचा। अभ्यावेदन में पूर्व में सिहोरा को जिला बनाने की दिशा में हुई प्रगति, राजनेताओं द्वारा दिए गए आश्वासनों और क्षेत्रीय जनता को संभावित लाभों का उल्लेख किया गया।
समिति के अनुसार, सिहोरा जिला बनने से आसपास के बहोरीबंद, ढीमरखेड़ा और मझौली के नागरिकों को प्रशासनिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार होगा। क्षेत्रीय विकास की रफ्तार तेज होगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
समिति के प्रमुख सदस्यों अनिल जैन, कृष्ण कुमार कुररिया, संतोष पांडे, विकास दुबे, सुशील जैन, नरेंद्र त्रिपाठी, आशीष भार्गव, संतोष वर्मा और मानस तिवारी ने भी इस मांग को मजबूती से प्रस्तुत किया।
पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव ने समिति को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों और तर्कों की गहनता से समीक्षा की जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद आयोग अपनी अनुशंसा मध्य प्रदेश शासन को सौंपेगा।
सिहोरा को जिला बनाए जाने की मांग लंबे समय से क्षेत्रीय जनता और विभिन्न संगठनों द्वारा की जा रही है। अब पुनर्गठन आयोग के समक्ष यह दावा पेश होने के बाद इस मुद्दे पर निर्णय का इंतजार बढ़ गया है।