बाढ़ से तबाह सड़कों के पुनर्निर्माण की मांग पर विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र-योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर ने कराया था ध्यानाकर्षित।
क्षेत्र की सड़कों की दुर्दशा पर जनप्रतिनिधियों का ध्यान केंद्रित।
ढीमरखेड़ा:
तहसील में जुलाई 2024 की भीषण बाढ़ ने पूरे क्षेत्र की बुनियादी संरचना को तहस-नहस कर दिया। सड़कों, पुलों और पुलियों के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। क्षेत्रीय विकास के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए बड़वारा विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने इस गंभीर स्थिति का समाधान निकालने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
प्राकृतिक आपदा के बाद का दर्द
इस बाढ़ ने घुघरा, पिपरिया शुक्ल, पोड़ीकला, बरौंदा, भमका, अतरिया, परसेल, पाली, कचनारी, लालपुर, पड़रभटा, देवरी बिछिया, पहरुआ, मढ़ाना, भटगवां, और कछारगांव जैसे 12 से अधिक ग्राम पंचायतों को बुरी तरह प्रभावित किया। इन इलाकों में सड़कों और पुलों का हाल बदतर है, जिससे ग्रामीणों का बाजार, स्कूल और अस्पताल पहुंचना लगभग असंभव हो गया है।
प्रमुख समस्याएं और सड़कों की स्थिति
घुघरा-पिपरिया मार्ग: बारिश के बहाव से सड़क की सतह उखड़ गई है। गांवों के बीच संपर्क टूट गया है।
अतरिया-बरौंदा मुख्य पुल: बाढ़ के पानी में बह गया, जिससे यह मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है।
कचनारी-लालपुर पुलिया: टूटने से ग्रामीणों को लंबा और असुरक्षित वैकल्पिक मार्ग अपनाना पड़ रहा है।
स्कूली बच्चों की परेशानी: टूटी सड़कों और पुलों के कारण बच्चों को स्कूल जाने में लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।
कृषि उत्पादों की आपूर्ति बाधित: किसान अपनी फसलें बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिससे उनकी आय पर गहरा असर पड़ा है।
योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर की भूमिका
बाढ़ के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को प्रभावित सड़कों की स्थिति से अवगत कराने में सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र सिंह दादा ठाकुर ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने इस मुद्दे पर विधायक का ध्यान आकर्षित किया, जिससे क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सका।
विधायक की पहल
विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बाढ़ प्रभावित सड़कों और पुलों के पुनर्निर्माण की मांग की है। उन्होंने सरकार से आपातकालीन फंड जारी करने का अनुरोध किया है, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके।
ग्रामीणों की उम्मीदें
ग्रामीण अब इस पहल से आशान्वित हैं कि जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान होगा। विशेष रूप से स्कूली बच्चों, किसानों, और आपातकालीन सेवाओं पर बाढ़ के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, सड़कों का पुनर्निर्माण अत्यंत आवश्यक हो गया है।
आगे का कदम
सरकार और प्रशासन द्वारा इस मुद्दे पर जल्द कार्रवाई किए जाने की उम्मीद है। विधायक और क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का प्रयास क्षेत्र के विकास में नई उम्मीदें जगा रहा है।