संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का समापन: सुदामा चरित्र के साथ हुआ मंगल समापन।
विदिशा, 23 दिसंबर
17 दिसंबर से प्रारंभ हुई भव्य और दिव्य संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का समापन आज, 23 दिसंबर को सुदामा चरित्र की पावन कथा के साथ संपन्न हुआ। यह आध्यात्मिक आयोजन विदिशा-अशोकनगर मार्ग, घटवाई स्थित मुख्य मार्ग पर हुआ।
कथा का समय और आयोजन
प्रतिदिन दोपहर 1:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक यह धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ। इस पवित्र कथा में श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण और उनके भक्तों की अमृतमयी लीलाओं का श्रवण किया।
गुरु एवं व्यास का सान्निध्य
इस दिव्य आयोजन में गुरु श्री अत्री जी महाराज नेपाल वालों के आशीर्वाद से पंडित मनीष जी महाराज (हरिद्वार) ने कथा वाचन किया। साथ ही, पंडित मीनाल जी महाराज ने आचार्य के रूप में इस आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई।
मुख्य यजमान एवं ग्राम पंचायत की भागीदारी
इस आयोजन के मुख्य यजमान भीम सिंह रघुवंशी (घटवाई) थे। ग्राम पंचायत सरपंच प्रेम सिंह यादव ने आस-पास के ग्रामवासियों से भावपूर्ण अपील करते हुए इस कथा का धर्मलाभ लेने की विनम्र प्रार्थना की।
सुदामा चरित्र की भावपूर्ण कथा
आयोजन के अंतिम दिन सुदामा चरित्र की कथा का वाचन किया गया, जिसमें श्रीकृष्ण और उनके परम मित्र सुदामा की अमर कथा ने सभी श्रद्धालुओं के हृदयों को गहराई तक प्रभावित किया। इस कथा ने प्रेम, मित्रता, और भक्ति के महत्व को बखूबी प्रस्तुत किया।कथा के दौरान श्रद्धालुओं ने भक्ति रस का गहन अनुभव किया।
अध्यात्मिक अनुष्ठान का संदेश:
इस कथा ने ग्रामवासियों को धर्म, भक्ति, और जीवन के आदर्शों को समझाने का अवसर दिया। श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से क्षेत्र के लोगों ने भक्ति, प्रेम, और समर्पण का सजीव अनुभव किया।