धान परिवहन में देरी से किसान परेशान: जनपद सदस्य शैलेन्द्र पौराणिक ने सौंपा ज्ञापन।
किसानों को आर्थिक संकट और खाद-बीज खरीदने में हो रही परेशानी, एसडीएम ढीमरखेड़ा से त्वरित कार्रवाई की मांग।
उमरिया पान:
धान के परिवहन में हो रही देरी के कारण किसानों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे को लेकर उमरिया पान जनपद के सदस्य शैलेन्द्र पौराणिक एवं जिला कांग्रेस परिवहन प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष सिद्धार्थ दीक्षित ने एसडीएम ढीमरखेड़ा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में श्री पौराणिक ने किसानों की समस्याओं को उठाते हुए प्रशासन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
किसानों की स्थिति चिंताजनक:
श्री पौराणिक ने बताया कि धान का समय पर परिवहन न होने के कारण किसानों को उनकी फसल का भुगतान नहीं मिल पा रहा है। इससे वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। आगामी गेहूं की फसल के लिए खाद और बीज खरीदना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। यह स्थिति किसानों के परिवारों और उनकी आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।
ज्ञापन का उद्देश्य:
ज्ञापन में यह मांग की गई है कि प्रशासन धान परिवहन में तेजी लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए। परिवहन में देरी न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर रही है, बल्कि इससे फसल उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है। श्री पौराणिक ने चेतावनी दी कि यदि इस समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
किसानों की समस्याएं:
धान का भुगतान समय पर न होने से किसानों को अपनी घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने और आगामी फसल की तैयारी के लिए संसाधन जुटाने में कठिनाई हो रही है। कई किसान कर्ज लेने को मजबूर हो रहे हैं, जिससे उनकी स्थिति और भी खराब हो रही है।
प्रभावित क्षेत्र और किसानों की आवाज:
उमरिया पान और आसपास के सैकड़ों किसान इस समस्या से जूझ रहे हैं। किसान नेताओं और ग्रामीणों ने भी प्रशासन से इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि फसल का सही समय पर परिवहन न होना उनकी मेहनत को व्यर्थ कर सकता है।
प्रशासन को सुझाव:
श्री पौराणिक ने सुझाव दिया कि प्रशासन धान परिवहन के लिए अधिक वाहनों की व्यवस्था करे और प्रक्रिया को सरल बनाए। किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस प्रणाली लागू की जानी चाहिए।
किसानों का समर्थन:
श्री पौराणिक ने किसानों को भरोसा दिलाया कि वह उनकी समस्याओं को हल कराने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए आगे भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
निष्कर्ष:
किसानों के जीवन और फसल उत्पादन को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन का सक्रिय हस्तक्षेप आवश्यक है। ज्ञापन के माध्यम से जनपद सदस्य ने किसानों की पीड़ा को प्रशासन तक पहुंचाया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस समस्या का समाधान कब और कैसे करता है।