विद्यार्थियों को खेती और जुताई तथा भू परिष्करण का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।

 विद्यार्थियों को खेती और जुताई तथा भू परिष्करण का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। 

कटनी। मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय विजयराघवगढ़ मैं स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्राचार्या डॉ सुषमा श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह तथा सुमन पुरवार के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में जानकारी दी गई की मिट्टी की दशा में भौतिक या यांत्रिक परिवर्तन कर फसलों की पैदावार बढ़ाने में सहायक कार्यों को जुताई या भू परिष्करण कहते हैं पौधा भूमि के माध्यम से अपनी वृद्धि एवं विकास के लिए समस्त आवश्यक जल वायु एवं पोषक तत्वों आदि को ग्रहण करता है इसलिए खेतों की जुताई हैरो या कल्टीवेटर चलाना भूमि को समतल करना एवं निंदाई गुड़ाई करने आदि की आवश्यकता होती है भू परिष्करण के दो प्रकार हैं प्राथमिक एवं द्वितीय भू परिष्करण। भू परिष्करण के उद्देश्य के अंतर्गत मृदा जल धारण क्षमता में वृद्धि मृदा में वायु संचार को बढ़ाना मृदा कटान में कमी मृदा में जैविक पदार्थों को मिलाना खरपतवार को नष्ट करना पौधों को कीटों एवं रोगों से बचाना पौधों को गिरने से बचाना तथा भू परिष्करण के लाभ का तकनीकी प्रशिक्षण विद्यार्थियों को दिया गया। जिससे कम लागत तकनीकी जीरो बजट फार्मिंग के अंतर्गत कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर स्वावलंबी बन सकें।


चीफ एडिटर:-अज्जू सोनी
मोबाइल नंबर:-9977110734

Post a Comment

Previous Post Next Post