ग्राम पंचायत घुघरी में 20.89 लाख के घोटाले का आरोप,प्रशासन की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश।

 ग्राम पंचायत घुघरी में 20.89 लाख के घोटाले का आरोप,प्रशासन की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश।

पूर्व सरपंच प्रमोद गौतम पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, प्रशासन और जनपद कर्मचारियों पर मिलीभगत का शक।

उमरियापान। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा:

ग्राम पंचायत घुघरी में भ्रष्टाचार का गंभीर मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व सरपंच प्रमोद गौतम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पंचायत की 20 लाख 89 हजार रुपये की राशि गबन कर ली। ग्रामवासियों के अनुसार, इस राशि से किए जाने वाले कार्य अब तक पूरे नहीं हुए हैं, जबकि एक सड़क को तीन बार कागजों पर बनाया जा चुका है।

                  भ्रष्टाचार का जाल।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि प्रमोद गौतम ने अपने भतीजे दीपू गौतम को रोजगार सहायक के पद पर नियुक्त कर पंचायत योजनाओं की राशि का दुरुपयोग किया। कार्यों में अनियमितताओं की शिकायतें कई बार की गईं, लेकिन जनपद पंचायत और सीईओ ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। प्रशासन की लापरवाही के चलते जांच अधूरी पड़ी हुई है।

        जनपद कर्मचारियों की मिलीभगत।

ग्रामवासियों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद जांचकर्ता निष्पक्ष कार्रवाई करने में असफल रहे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि प्रमोद गौतम को भाजपा नेताओं का संरक्षण प्राप्त है और जनपद पंचायत के कर्मचारियों को कथित रूप से रिश्वत दी गई, जिसके कारण जांच में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।

     पिछले रोजगार सहायक पर भी आरोप।

पूर्व रोजगार सहायक रविंद्र तिवारी पर भी पंचायत योजनाओं में घोटाले के आरोप लगाए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रविंद्र तिवारी और दीपू गौतम की सेवा तुरंत समाप्त कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

                    प्रदर्शन की चेतावनी।

ग्रामवासियों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि प्रमोद गौतम और उनकी टीम के खिलाफ निष्पक्ष जांच नहीं की गई, तो वे उग्र प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि प्रशासन का उदासीन रवैया सवालों के घेरे में है और उन्हें मजबूरन अपनी आवाज मुख्यमंत्री तक ले जानी पड़ेगी।

                    प्रमुख मांगें।

1.प्रमोद गौतम और उनकी टीम की निष्पक्ष जांच।

2.दीपू गौतम और रविंद्र तिवारी की सेवा समाप्ति।

3.जांच में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई।

                 मुख्यमंत्री से अपील।

ग्रामवासियों ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी शिकायतों को अनसुना किया गया, तो वे शासन के शीर्ष स्तर तक अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

            प्रशासन के लिए चुनौती।

यह मामला प्रशासनिक निष्पक्षता की परीक्षा बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि राजनीतिक दबाव के कारण भ्रष्टाचारियों को बचाया गया, तो प्रशासन की साख पूरी तरह खत्म हो जाएगी।

ग्रामीण खबर mp से प्रधान संपादक अज्जू सोनी

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