जैव उर्वरकों से फसल उत्पादन में वृद्धि का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।
बहोरीबंद:-वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए जैविक खेती का प्रशिक्षण प्राचार्य डॉक्टर इंद्र कुमार पटेल के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक श्रीमती मंजू द्विवेदी तथा विवेक चौबे के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा दिया जा रहा। प्रशिक्षण के क्रम में विद्यार्थियों को जैव उर्वरकों के उपयोग की जानकारी दी गई। रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से जहां एक और मृदा में प्रदूषण बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर मृदा में उपस्थित लाभदायक सूक्ष्मजीवों की संख्या में लगातार कमी आ रही है अतः रासायनिक उर्वरकों की खपत को कम करने एवं मृदा स्वास्थ्य में सुधार के लिए जैव उर्वरकों का उपयोग अति आवश्यक है। भूमि में पोषक तत्वों की पूर्ति एवं सूक्ष्मजीवों की वृद्धि के लिए जैविक खाद का उपयोग करना आवश्यक है देसी गाय के 1 ग्राम गोबर में 300 से 500 करोड़ सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं जबकि विदेशी गाय के 1 ग्राम गोबर में केवल 72 लाख जीवाणु पाए जाते हैं इसलिए जैविक खेती में देसी गाय के गोबर एवं गोमूत्र का उपयोग करते हैं गोमूत्र में 33 प्रकार के तत्व पाए जाते हैं। कम लागत तकनीकी जीरो बजट फार्मिंग से कम लागत में जैव उर्वरकों का उपयोग करके फसलों की उपज में 15 से 20% अधिक उपज प्राप्त होती है। नत्रजन स्थिरीकरण करने वाले जैव उर्वरकों के अंतर्गत दो दलीय फसलों में राइजोबियम एक दलीय फसलों के लिए अजेक्टोबैक्टर अजोस्पैरिलियम एवं स्फुर घोलक कल्चर फासफेटिका या पी एस बी का उपयोग बीज उपचार जड़ एवं कंद उपचार तथा भूमि उपचार आदि विधियों का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।