समर्थन मूल्य पर सोयाबीन फसल क्रय हेतु पचास उपार्जन केन्द्र स्थापित।

 समर्थन मूल्य पर सोयाबीन फसल क्रय हेतु पचास उपार्जन केन्द्र स्थापित।

विदिशा:-विदिशा जिले में समर्थन मूल्य पर सोयाबीन उपार्जन कार्य आज शुक्रवार 25 अक्टूबर से एक साथ पचास केन्द्रो पर शुरू हुआ है जो 31 दिसम्बर तक जारी रहेगा। जिले में 30024 किसानो के द्वारा समर्थन मूल्य पर सोयाबीन फसल विक्रय हेतु पंजीयन कराया गया है। कलेक्टर  रौशन कुमार सिंह ने उपार्जन कार्यो को क्रियान्वित कराने वाले विभागो के अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए है कि उपार्जन केन्द्रो पर किसानो को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्हांेने स्लाॅट बुकिंग तिथि को ही संबंधित कृषक की सोयाबीन उपज की तुलाई कार्य पूर्ण हो जाए। प्रत्येक उपार्जन केन्द्र पर जारी गाइड लाइन का अनुपालन किया जाए। विदिशा जिले में कुल पचास केन्द्रो पर सोयाबीन फसल का उपार्जन किया जाएगा। जिसमें विदिशा तहसील ेमें पांच, बासौदा में सात, त्योंदा, ग्यारसपुर, गुलाबगंज, पठारी सहित प्रत्येक में क्रमशः दो-दो, कुरवाई, शमशाबाद एवं लटेरी में क्रमशः पांच-पांच, नटेरन में छह तथा सिरोंज तहसील में नौ उपार्जन केन्द्र बनाए गए है। उपार्जन हेतु निर्धारित किये गये केन्द्रों के समस्त समिति प्रबंधक , कम्प्यूटर ऑपरेटर , कृषि विस्तार अधिकारी , सहकारिता अधिकारी एवं विपणन अधिकारियों को एफएक्यू संबंधी एवं अन्य व्यवस्था के संबंध में नाफेड के अधिकारी एवं जिला स्तरीय उपार्जन समिति द्वारा प्रशिक्षण किया गया है। हरेक उपार्जन केन्द्र पर शासन द्वारा सोयाबीन फसल के एफएक्यू के तहत, विजातीय पदार्थ एवं असुधियॉ - 2 प्रतिशत, सिकुडी हुई , अपरिपक्क फलियॉ और फीका पडा हुआ  5 प्रतिशत, छतिग्रस्त एवं घुनयुक्त फलियॉ - 3 प्रतिशत, हार्वेस्टर मशीन से छतिग्रस्त फलियॉ (विजाजित, टूटी और फटी हुई) - 15 प्रतिशत तथा नमी की मात्रा - 12 प्रतिशत स्वीकार होंगे।

अतः कृषक भाईयों से अपील की जाती है कि शासन द्वारा निर्धारित एफ.ए.क्यू. मानक अनुसार ही उपज की तौल कराने हेतु स्लॉट बुक करावें। सोयाबीन फसल उपार्जन हेतु नियुक्त नेाडल विभाग कृषि के द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार समर्थन मूल्य पर विक्रय के पहले दिन अर्थात शुक्रवार 25 अक्टूबर को एक भी केन्द्र पर किसानो के द्वारा विक्रय हेतु सोयाबीन फसल लाई नहीं गई है।


ग्रामीण खबर mp से विदिशा जिला ब्यूरो यशवंत सिंह रघुवंशी की रिपोर्ट।

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