विद्यार्थियों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया गया।

 विद्यार्थियों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया गया।

कटनी:-ध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ स्वरोजगार स्थापित करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में प्राचार्य डॉक्टर इंद्र कुमार पटेल के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक मंजू द्विवेदी एवं विवेक चौबे के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में कम लागत तकनीकी जीरो बजट फार्मिंग के अंतर्गत फसलों को बढ़ाने के लिए और उपज लेने के लिए जिन-जिन संसाधनों की आवश्यकता होती है वह सभी घर में ही उपलब्ध करना किसी भी हालत में मंडी या बाजार से खरीद कर नहीं लाना और कम लागत खेती को हानि पहुंचाने वाला कोई भी संसाधन घर में या गांव में निर्मित नहीं करना गांव का पैसा गांव में शहर का पैसा गांव में के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई। जैविक कीटनाशकों के अंतर्गत ग्राम में उपलब्ध संसाधनगोमूत्र नीम पत्ती पांच पत्ती काढ़ा नीमास्त्र ब्रह्मास्त्र एवं आग्नेयास्त्र बनाने तथा फसलों में उपयोग करने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। फसलों को काटने वाले कुतरने वाले रस सूचक एवं फल छेदक कीटों के विषय में बतलाया गया। नीमास्त्र का प्रयोग रस सूचक कीटों के नियंत्रण के लिए किया जाता है इसको बनाने के लिए नीम के पत्ते 5 किलो गौमूत्र 5 लीटर गोबर 1 किलो पानी 100 लीटर आदि सामग्री को लेकर एक प्लास्टिक के ड्रम में डालकर 48 घंटे तक रखें दिन में तीन बार डंडे से घोल को हिलाये। इसे छानकर प्रति एकड़ फसल की प्रारंभिक अवस्था से प्रति सप्ताह फसल में पत्तियों में छिड़काव करने की तकनीकी जानकारी दी गई।


चीफ एडिटर:-अज्जू सोनी
मोबाइल नंबर:-9977110734

Post a Comment

Previous Post Next Post