दांतों से बस को खींचकर दिखाया, यह आत्मिक बल से संम्भव है।
भारत को विश्व गुरु बनाना है तो पहला नशा मुक्त बनाना होगा- ब्रह्माकुमार आशीष भाई
कटनी:-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सी एम राइस स्कूल गंजबासौदा में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर, इंटरनेशनल आइकॉन अवार्ड एवं इंडिया स्टार बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित बीके आशीष भाई पहुंचे। जिन्होंने अपने दांतों के द्वारा बस को खींच कर दिखाया और बताया मेडिटेशन से मनोबल को कैसे बढ़ाया जा सकता है। आशीष भाई ने बताया पिछले 10 साल से लगातार बस ट्रक डबल डेकर जहाज खींचने का प्रदर्शन कर रहे हैं लगभग अभी तक 500 प्रोग्राम कर चुके हैं। नेपाल, दिल्ली अभी तक 10 राज्यों में प्रदर्शन कर चुके हैं। दांतों को मजबूत रखने के लिए टूथपेस्ट का उपयोग नहीं करते, उन्होंने कहा हमारे देश में नीम की दातुन सबसे श्रेष्ठ और गुणकारी मानी जाती है उसी का उपयोग करते हैं दांत मजबूत रखने के लिए चना और गन्ने का प्रयोग नियमित कर रहे हैं। मेडिटेशन के माध्यम से इस प्रकार की शक्ति अर्जित की जा सकती है इस्से ध्यान केंद्रित होता है ध्यान केंद्रित होने से शक्ति का संचार होता है। इस प्रदर्शन का मकसद युवा वर्ग में मेडिटेशन के प्रति चेतना जागृत करना और प्राकृतिक शक्ति के प्रति सजग करना है। मेडिटेशन हमारे जीवन में बहुत उपयोगी है जिससे हम अनेक समस्याओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं एवं नशे की बुराइयों से बच सकते हैं। नशा मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य एवं लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए आशीष भाई जी ने बताया कि 4 मार्च 2023 को ब्रह्माकुमारीज का भारत सरकार के सोशल जस्टिस वेलफेयर डिपार्टमेंट के साथ एमओयू साइन हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा कि राजयोगी लाइफस्टाइल अपनाने से नशा मुक्त होने में बहुत मदद मिलती है। स्कूलों, कॉलेजों, यूनिवर्सिटी में पन्द्रह लाख लोगों को नशा मुक्त होने के लिए शिक्षित किया है। यदि छोटे बच्चों को भी इस प्रकार की शिक्षा दी जाए तो वो अपने घरों में, आस पास सबको सावधान कर समझाएंगे तो उनकी बातों से भी असर होगा। भारत को विश्व गुरु बनाना है तो पहले नशा मुक्त बनाना है। कार्यक्रम में व्यसनों के दुष्परिणाम और व्यसनों से बचने के लिए अनेक विचार सांझे किये गए। भ्राता श्याम भाई जी ने कहा की व्यसनों से ग्रस्त व्यक्ति को घृणा की दृष्टि से न देख उनके प्रति करुणा जागृत कर उन्हें व्यसनों से मुक्त होने में हमे मदद करनी चाहिए। आगे कहा की देश का धन बैंकों में नहीं स्कूलों में है, बच्चों में है। और आज के समय में बच्चों में भी व्यसनों का प्रभाव देखा गया है, जिसका मुख्य कारण परिवार में व्यसनों का सेवन होना है।आज के समय ज्ञान की कमी नहीं परन्तु ज्ञान और सत्य को अपनाने के लिए आत्मिक बल चाहिए।ब्रह्माकुमारीज़ के कार्यक्रम द्वारा व्यसनों से ग्रस्त व्यक्ति को आध्यात्मिकता के ज्ञान द्वारा और राजयोग के अभ्यास द्वारा आंतरिक शक्ति को बढाकर एक नया जीवन दिया जाता है। सी एम राइस विद्यालय के प्राचार्य महेंद्र सिंह रघुवंशी ने ब्रह्माकुमारीज़ बहनों का बहुत आभार प्रकट किया।