पुलिस को लानी होगी अपने व्यवहार में सहानुभूति-संतोष डेहरिया
बच्चों से संबंधित सभी हितधारकों को टीम के रूप में काम करना समय की मांग-वनश्री कुर्वेती
अब दण्ड देने के लिए नहीं, न्याय दिलाने के लिए किये गए हैं कानून में बदलाव-शिखा छिब्बर
नये कानून और मानव दुर्व्यापार विषय पर आवाज और महिला सुरक्षा शाखा, म.प्र. के संयुक्त तत्त्वावधान में एकदिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
कटनी:-नए कानून में हुए परिवर्तनों को समझना जरूरी है पुरानी धाराओं को भूलना और नए प्रावधानों को समझने में समय लगेगा इसी के साथ पुलिस को अपनी छवि बदलने के लिए सहानुभूति से पेश आना होगा। उक्त बात आज कटनी में “नये कानून और मानव दुर्व्यापार” विषय पर आवाज संस्था एवं महिला सुरक्षा शाखा,म.प्र. के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रशिक्षण में संतोष डहेरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कटनी ने एक दिवसीय कार्यशाला के अवसर पर कही| उन्होंने कहा कि आवाज संस्था जनसामान्य में बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता का काम कर रही है| आवाज द्वारा मानव दुर्व्यापार विषय आयोजित इस प्रशिक्षण की हमारे विभाग को आवश्यकता थी हालांकि यह प्रशिक्षण पहले भी हुआ है लेकिन नए कानून को समझने में समय लगता है। इसके पहले वनश्री कुर्वेती, असिस्टेंट डायरेक्टर, महिला बाल विकास ने कहा कि पुलिस और संबंधित विभागों को एक टीम के रूप में काम करना होगा जिससे त्वरित प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ सकें। अतिथियों ने अपने वक्तव्य के साथ प्रशिक्षण का शुभारंभ किया और सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी।
आवाज के राज्य समन्वयक विजय बघेल ने बताया कि आवाज बाल संरक्षण और मानव दुर्व्यापार विषय पर मध्यप्रदेश के 6 जिलों में काम कर रहा है लेकिन कटनी एक संवेदनशील जिला इसलिए है क्योंकि यह आवाजाही का एक व्यस्त माध्यम है। यहां के जंक्शन से 5 अलग अलग रूट पर ट्रेन जाती है जिससे यहाँ से बच्चों के दूसरे राज्य में ट्रैफिकिंग होने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए अतिरिक्त सावधानी रखने की जरुरत है|
इस मौके पर प्रशिक्षक की भूमिका निभा रही भोपाल की शिखा छिब्बर ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं और बच्चों को लेकर काफी बदलाव हुए हैं जिन्हे समझने और सही से लागू करने की जरूरत है। उन्होंने मानव दुर्व्यापार को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों और नए प्रावधानों का भी जिक्र किया। नए कानून में जो नए प्रावधान जुड़े हैं, बदलाव हुए हैं और कुछ प्रावधानों को हटाया गया है, के बारे में भी विस्तार से प्रशिक्षण में बताया गया|
कटनी में आवाज के जिला समन्वयक देवेंद्र गुप्ता ने बताया कि कटनी एक संवेदनशील जिला है यह ट्रांजिट होने के साथ साथ एक सोर्स के रूप में भी विकसित हुआ है जो एक संवेदनशील फैक्टर के रूप में काम करता है। कटनी ट्रैफिकिंग के लिए एक ट्रांजिट जिले के रूप में है जहां से रोज़ाना कई बच्चे अलग अलग उद्देश्य से गुजरते हैं जिसमें सतर्कता बरती जाना जरूरी है, आवाज इस संदर्भ में अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहा है ।
प्रशिक्षण में जिले के समस्त थानो के बाल कल्याण अधिकारी, विशेष किशोर पुलिस इकाई, जिले में उपस्थित बाल गृह के लोगों सहित कुल 35 अधिकारी पदाधिकारी शामिल रहे जिनके साथ प्रशिक्षण किया गया l अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कटनी व असिस्टेंट डायरेक्टर म.बा. वि. प्रशिक्षण के मुख्य अथितियों के रूप में शामिल रहे। आवाज टीम की ओर से ब्लॉक समन्वयक विक्टर जोसेफ, कल्पना द्विवेदी, मनोज बासरकर शामिल हुए। इसके साथ ही प्रतिभागियों द्वारा नए कानूनों के प्रावधानों को शामिल करते हुए रोचक तरीके से नाटक भी किया गया।
आवाज के जिला समन्वयक देवेंद्र गुप्ता द्वारा प्रशिक्षण के अंत में आभार प्रदर्शन किया गया।