जर्जर बिल्डिंग में संचालित हो रहा सिलौड़ी का अनुसूचित जनजाति छात्रावास।
कटनी:-अनुसूचित जाती एवं जनजाति बालक छात्रावास मैं सुविधाओं का टोटा तो है ही भवन भी जर्ज़र हो गया। जिसमें मरमत की दरकार है। ग्रामपंचायत सिलौड़ी स्थित छात्रावास बदहाली के दौर से गुजर रहा है। इसमें करीब 50 छात्र 9वीं से 12वीं में पढ़ने वाले निवारत हैं। अब इस छात्रावास की हालत पर गौर किया जाय तो कमरों मैं कई जगह से प्लास्टर उखड़ गया है। छत भी कई जगह से ख़राब हो जाने के कारण बारिस का पानी जगह जगह से टपक रहा है। दीवारों पर रंग रोगन नहीं है। भवन के आसपास गंदगी का अंबार लगा है। यहाँ आये दिन बिजली गुल हो जाती है।
कैसे निखरेंगी प्रतिभाएँ
छात्रावास पुराने ढर्रो पर ही संचालित हो रहा है। जहाँ खेल मनोरंजन कक्ष और जिम जैसी सुविधाएं नहीं हैं। अध्यन के लिए पत्र पत्रिकायें भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। विषम परिस्थितियों में विद्यार्थी यहाँ रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। हॉस्टल में रहने वाले छात्रों ने बताया की कई बार इस समस्या को लेकर आदिम जाती कल्याण विभाग मैं बतला चुके हैं पर कोई सुनता ही नहीं। लिहाजा 50 सीट वाले छात्रावास में 5 वर्ष पूर्व एक अतिरिक्त कक्ष बनाया गया था जो की पूरी तरह से छतीग्रस्त हो चुका है।आपको बता दें की नया सत्र आज से प्रारम्भ हो रहा है और छात्रावास भवन की हालत गंभीर है। तथा छात्रवास प्रभारी के द्वारा बार बार पत्राचार करने के बाद भी आदिम जाती कल्याण विभाग अपनी कुम्भकरणीय निद्रा से नहीं जाग रहा है।लिहाजा विद्यार्थी इसी जर्ज़र भवन मैं रहकर विद्या अर्जन करने को मजबूर हैं।