कलेक्ट्रेट मे जापानी 5-एस पद्धति के अनुरूप कार्य करने वाले कार्यालयों की रैंकिंग जारी
उद्यानिकी एवं महिला बाल विकास प्रथम
कलेक्टर श्री प्रसाद ने पुररूकार राशि से किया सम्मानित
5-एस पद्धति की कार्य संस्कृति अपनाने वाला कटनी प्रदेश का पहला जिला
कटनी:-कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा आम जनता की सुविधा और कार्यालय मे वर्क कल्चर को बढ़ावा देने और फाईलों का व्यवस्थित संधारण सुनिश्चित करने के लिए 5 एस पद्धति पर 15 जून तक कार्यालयों की व्यवस्थाओं का सुदृढ़ीकरण करने हेतु 5-एस पद्धति की कार्य संस्कृति शासकीय कार्यालयों में लागू की जाकर इस पद्धति अनुरूप कार्यवाही करनें पर कार्यालयों को प्रोत्साहित करनें का निर्णय लिया गया था।
कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा आज समय सीमा की बैठक के दौरान 5-एस पद्धति में मानक अनुरूप कार्यालय को व्यवस्थित कर रेंकिंग मे अच्छा प्रदर्शन करने वाले महिला एवं बाल विकास विभाग को 72 अंक प्राप्त करनें तथा उद्यानिकी विभाग को 70 अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से प्रथम स्थान अर्जित करने पर विभागीय अधिकारियों को प्रोत्साहन स्वरूप 25 हजार का चौक प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया।
जबकि द्वितीय स्थान पर पेंशन कार्यालय एवं जिला कोेषालय द्वारा समान रूप से 68-68 अंक अर्जित करने पर 15 हजार रूपये की पुरस्कार राशि तथा जिला शहरी एवं विकास अभिकरण तथा जिला संस्थागत वित्त कार्यालय द्वारा समान रूप से 65-65 अंक प्राप्त कर तृतीय स्थान अर्जित करने पर 10 हजार रूपये की पुरस्कार राशि के चौक प्रदान कर सम्मानित किया गया।
5-एस पद्धति
संयुक्त कलेक्ट्रेट स्थित शासकीय कार्यालयों में कलेक्टर की पहल पर जो 5- एस कार्य पद्धति लागू की गई है वह एक प्रकार की जापानी कार्य संस्कृति का हिस्सा है। जो आईएसओ मानक की तर्ज पर ही शासकीय कार्यालयों मे कार्य करेगी। यह एक प्रकार से आईएसओ मानक से भी बेहतर और उच्च गुणवत्ता मापदंड पर आधारित है।
जिले में सरकारी कार्यालयों में कार्य की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए 5-एस पद्धति को लागू किया गया है। आम जनता को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के दृष्टिकोण से शासकीय कार्यालयों मे आईएसओ मानक की तर्ज पर ही काम करेगी। इसके लिए कलेक्टर अवि प्रसाद ने नोडल अधिकारी व कोर टीम तक गठित कर दी है। जो विशेष रूप से 5-एस मानक के अनुरूप शासकीय कार्यालयों में क्रियान्वयन, मार्गदर्शन व समय सीमा के अंदर काम को पूरा कराने की जिम्मेदारी संभालेगी, ताकि सरकारी कार्यालयों में अपने कार्य को लेकर पहुंचने वाले आम व्यक्ति को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
5 - एस का मूल मंत्र शार्ट (छटनी), सेट इन आर्डर (क्रम में रखना), साइन (सूचीबद्ध या निशान लगाना), स्टैंडर्डाइज्ड (मानकीकरण) और सस्टेन (निरंतर) है। जिसके आधार पर कार्यालय के कार्य संस्कृति और कार्य पद्धति में जनोन्मुखी बदलाव किया गया है। इससे शासकीय विभाग में पहुंचने वाले लोगो के काम मे आसानी होगी।
आम व्यक्ति को अनावश्यक भटकना नहीं पड़ेगा
किस विभाग में क्या काम होगा ? आसानी से पता चलेगा। फाइलों का व्यवस्थित संधारण होगा, इनके बेहतर रख-रखाव की वजह से फाईलों को ढूढ़ना नहीं पडेगा। फाइल गुमेंगी नही इस पद्धति से कार्यालय स्वच्छ व साफ सुथरा दिखेगा। विभागों में अनावश्यक फाइलों का दबाव नहीं रहेगा। कार्यालयीन वातावरण बेहतर बनेगा। वर्क कल्चर बढ़ेगा। अनावश्यक भटकना नहीं पड़ेगा। समय सीमा में उनके कार्य को पूरा किया जा सकेगा। कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने 5-एस पद्धति हेतु अपर कलेक्टर साधना परस्ते को नोडल अधिकारी बनाया गया था।
आम लोगों को मिलेगी राहत
अपनी समस्याओं और शिकायतों निराकरण के लिए दूरदराज गांवों कलेक्ट्रेट आने वाले व्यक्ति को असुविधा न हो, इसके लिए विभागों के बाहर कर्मचारियों- अधिकारियों की नेम प्लेट, विभाग के क्रियाकलाप और आरटीआई का विवरण बोर्ड में लिखा है जो विभाग के बाहर ही लगा है। जिसे पढ़कर आम व्यक्ति आसानी से समझ सकता है कि संबंधित विभाग का प्रभारी कौन है? यहां क्या-क्या काम होंगे? जिससे लोगों को राहत मिलेगी।