भाजपा नेताओं के लिए चुनौती बने उमरिया पान थाना प्रभारी।क्षेत्र में चालू है जमकर सट्टा नहीं होती कार्यवाही।गाँव गाँव गली कूचों में खुली है अवैध पैकारी जिम्मेदार अनजान। धर्मान्तरण मामले में नहीं हुआ खुलासा।
ढीमरखेड़ा:-थाना क्षेत्र उमरियापान में अनेकों प्रकार के अवैध कार्य संचालित हों रहे हैं लिहाज़ा थाना प्रभारी सिद्धार्थ राय को इससे कोई मतलब नहीं है। थाने के नाक के सामने चोरी हुई जिसका खुलासा आज दिनांक तक नहीं हों पाया। अनेकों लोगों के पैसे बैंक और दुकानों से निकल गए लेकिन आज तक कार्यवाही ना हुई। सिर्फ लोगों को आश्वासन मिला। जहां भी अवैध कार्य होते हैं वहां साहब का गुप्त थाना प्रभारी का मतलब ये हैं कि जो थाने का हिसाब - किताब रखता हैं, पहुंच जाता हैं फिर लम्बी - लम्बी बाते होती हैं और अगर पैसे नहीं दिए जाते तो नियमों की इतनी झड़ी लग जाती हैं कि सामने वाला नियम सुन - सुनके थक जाता हैं, फिर गुप्त थाना प्रभारी की बड़ी - बड़ी बोली लगती हैं। जब इनको सरकार पैसा देती हैं तो इनके द्वारा अवैध वसूली जैसी स्थितियां कैसे बनती हैं।
क्षेत्र में चालू हैं जमकर सट्टा नहीं होती कार्यवाही
स्मरण रहे कि क्षेत्र में जमकर सट्टा - जुआ होते हैं लेकिन कार्यवाही करने में परहेज किया जाता हैं। परहेज किया भी क्यूं ना जाए क्यूंकि चंद पैसों के कारण जो अपना ईमान बेच चुके हैं वो कार्यवाही कैसे करेगे बल्कि छुटपुट कार्यवाही करके अपनी वाहवाही लूटते हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि सटोरिया महीना में साहब को पैसा देते हैं इसी वजह से कार्यवाही नहीं होती।
जगह - जगह अवैध पैकारी खुली जिम्मेदार अंजान
थाना क्षेत्र उमरियापान का आलम यह है कि जगह - जगह अवैध पैकारी खुली हुई हैं, लेकिन कार्यवाही नहीं की जा रही हैं। जहां - जहां से साहब को पैसा नहीं मिलता वहां - वहां कार्यवाही की तलवार लटक जाती हैं। ताकि भविष्य में वहां से भी साहब को पैसो की गड्डी मिलने लगे, ऐसा सूत्रों ने बताया।
धर्मांतरण के मामले का नहीं हुआ खुलासा
विदित है कि जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे के द्वारा धर्मांतरण के मामले में शिक़ायत तलब की गई थी लेकिन आज दिनांक तक धर्मांतरण के मामले का खुलासा नहीं हों पाया है। पूरे क्षेत्र में एक ही चर्चा हैं कि क्षेत्र में कुछ भी होता रहे कोई दिक्कत नहीं है क्यूंकि कार्यवाही तो होती नहीं हैं बस अपने काम निकालो बस हों गया। कार्यवाही ना होने के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और कहीं कुल्हाड़ी से हमला तो कही किसी भी औजार से हमला होता मिलता हैं। क्या इनके उच्च - अधिकारी इनकी गतिविधियों में नज़र नहीं बनाते या फिर इनको खुली छूट दे दी गई हैं कि ये कुछ भी करते रहे किसी को कोई मतलब नहीं है।