अवैध रूप से संचालित हो रही बोरिंग गाड़ियां, कार्यवाहियां करने में परहेज, कलेक्टर के नियमों की उड़ रही खुलेआम धज्जियां

अवैध रूप से संचालित हो रही बोरिंग गाड़ियां, कार्यवाहियां करने में परहेज, कलेक्टर के नियमों की उड़ रही खुलेआम धज्जियां


ढीमरखेड़ा | 
तहसील क्षेत्र ढीमरखेड़ा में इन दिनों अवैध रूप से बोर बैल्स की मशीनें संचालित हो रही हैं। कटनी जिले में जल संकट से निपटने और भूजल स्तर को गिरने से रोकने के लिए कटनी कलेक्टर ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब कटनी जिले में अशासकीय और निजी नलकूप खनन पर रोक लगा दी गई है, यानी कि अब आप अपनी मर्जी से बोर नहीं करा सकेंगे। कलेक्टर के आदेशों के मुताबिक जिले की सीमाओं में कोई भी बोरिंग मशीन सार्वजनिक मार्गों को छोड़कर प्रवेश नहीं कर सकेगी और ना ही कोई नलकूप खनन कर सकेगी। लिहाज़ा कटनी कलेक्टर के आदेशों के मुताबिक बोर करने पर रोक लगाई गई है। ये फैसला गिरते जल स्तर को देखते हुए लिया गया है। कलेक्टर के आदेश के मुताबिक अगर कोई बोरिंग मशीन बोर करते पाई गए तो उस पर एफआईआर दर्ज की जाएगी, साथ ही 2000 रुपये का जुर्माना और 2 साल की जेल तक सजा हो सकती है।

           गर्मियों के दिनों में नहीं होंगे बोर

गिरते जल स्तर को बचाने के लिए कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद ने राजस्व की अनुमति के बगैर नलकूप या बोर करने पर रोक लगा दी है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति निजी बोर नहीं करा सकता है। इसके लिए बोरिंग मशीनों को सार्वजनिक मार्गों को छोड़कर प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।

             जल स्तर गिरने से बचाना

कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि नवीन निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है। पेयजल संकट की स्थिति का परीक्षण किये जाने पर यह परिलक्षित हुआ है कि यदि जिले में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध नही लगाया तो ग्रीष्मकाल में जिले में गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है। ये फैसला मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 और संशोधन अधिनियम 2002 (अधिनियम) के तहत लिया गया है।

तहसील ढीमरखेड़ा में धड़ल्ले से संचालित मशीनें

बोर बैल्स की गाड़ियों में प्रशासन के जिम्मेदारों का हाथ रखा हुआ हैं तभी तो कार्यवाही करने में परहेज किया जा रहा है। अनेकों जगह में गाड़ी पकड़ी गईं तो कार्यवाही करने में परहेज किया गया। लिहाज़ा कार्यवाही करने में अनेकों प्रकार के बहाना बनाएं जा रहे हैं, जैसे ही ध्यान हटा तो लेन - देन करके गाड़ी को छोड़ दिया जाता हैं सोचा जा सकता हैं कि इनके ऊपर प्रशासन का ऐसा हाथ रखा हुआ हैं कि सीधे आम नागरिक कलेक्टर को जानकारी तलब करता हैं तब कार्यवाही होती हैं।


             चीफ एडिटर:-अज्जू सोनी

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