टी आई मधु पटैल की विवेचना से दुष्कर्मी को मिला लाभ, शिकायत हुई एस पी तक जांच के बहाने एस पी ने भी मामला टाला जबकि पीडि़त परिवार को दुत्कारा था थाना प्रभारी ने
कटनी। एनकेजे निवासी एक परिवार की आठ साल की बेटी के साथ 50 वर्षीय पड़ोसी ने अपने घर पर रोककर दुष्कर्म का प्रयास किया। इसकी रिपोर्ट लिखाने महिला पुलिस थाने में पहुंचे मां-पिता को थाना प्रभारी मधु पटेल ने पशुवत व्यवहार किया, उन्हे दुत्कार कर थाने से बाहर कर दिया। पार्षद ने एस पी को फोन किया तो अधिकारी के निर्देश पर टीआई मधु पटेल ने आधी रात रिपोर्ट लिखकर सुबह तक फरियादी परिवार को बिठाए रखा। दूसरे दिन कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के यहां कथनबद्ध कराने में पूरी डायरी लेकर नही गई। विवेचना की दूषित शुरूआत की तो नागरिकों ने टीआई के दुव्र्यवहार का विरोध प्रदर्शन करते हुए एस पी को शिकायत दी। एस पी ने इस संवेदनशील शिकायत पर तुरंत कुछ न करके जांच केे नाम पर मामला लटका दिया और संकेत मिल गया कि टी आई मधु पटेल पर कोई आंच नहीं आने वाली है। रविवार की शाम सात बजे की घटना थी। आठ साल की बेटी को लेकर परिजन महिला थाने पहुंचे, वहां तीन घंटे तक कोई नही मिला। रात 11 बजे टीआई मधु पटेल के दर्शन हुए उन्होंने बेहद हिकारती लहजे में थाने आने का मकसद पूछा और जानकारी लेकर मां-बाप को फटकार दिया-थाने से बाहर चले जाओ, कुछ भी अनाप शनाप रिपोर्ट कराने चले आए।
आरोपी के दुष्कर्म से अपमानित परिवार थाना प्रभारी के दुव्र्यवहार से डबल-वॉर सहकर बाहर आ गया। बताया जाता है कि पार्षद वगैरह ने एस पी को फोन कर दिया तो उनके निर्देश पर मैडम पटेल ने जांच शुरू की। उनकी जांच रात भर दौड़ती रही, पीडि़त परिवार थाने में जागरण करता रहा सुबह घर जा पाया।
बयान में विलंब की गंभीर शिकायत
पीडि़त परिवार की शिकायत पर टीआई मधु पटेल ने एफआईआर में घंटो विलंब किया। इसके बाद मजिस्ट्रीरियल बयान में सभी के कथन लेकर नहीं गईं। इन सब चूकों से आरोपी को लाभ मिलने और अभियोजन पक्ष कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाते हुए पीडि़त पक्ष ने एस पी अभिजीत रंजन को शिकायत की। विरोध प्रदर्शन करते हुए टीआई की अनुशासनहीनता पर कार्यवाही की मांग की।
भाजपानेत्री ने टीआई के व्यवहार की निन्दा की
भाजपा नेत्री अंकित तिवारी ने भी कहा कि-टीआई मधु पटेल का व्यवहार बहुत खराब रहा है, यह पदीय गरिमा के विपरीत है। बयान के लिए कोर्ट में बुलाया और प्रापर बयान नहींं हुए। धाराएं भी आरोप के अनुसार नहीं लगाई गई। इस लीपापोती की स्क्रूटनी करते हुए अन्य अधिकारी से पुन: जांच करानी चाहिए। महिला थाना ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा-354-354(क), 342-506 व लैगिक अपराध से बालको का संरक्षण कानून की धारा-7 व 8 के तहत सोमवार सुबर मामला दर्ज किया है। बच्ची के कथन (बयान) लेकर मधु पटेल मजिस्ट्रेट के यहां नहीं पहुंची तो उनके बयान नहीं हुए, सिर्फ मां के बयान लिए गए। एसपी रंजन ने अपने कलीग के व्यवहार को बचाते हुए प्रेस से कहा-यह संवेदनशील मामला था, लगता है उतनी प्राथमिकता से नहीं लिया गया।एडीएसपी से जांच करवा रहे हैं उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही होगी।