निर्माण कार्यों में जमकर की गई अनियमितता, जांच तलब हों तो निर्माण कार्यों की खुलेगी पोल।
विकास कार्यों में जमकर किया गया भ्रष्टाचार
ढीमरखेड़ा | जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत घुघरा की हर गली में कचरे का अंबार लगा हुआ है। सार्वजनिक स्थानों पर कचरे के ढ़ेर लगे हैं। नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है। जिससे कि ग्रामीणों में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। घुघरा की बात करे तो यहाँ आधे मोहल्ले में तो नाली ही नहीं बनी है। नालियों और घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़को पर बह रहा है। इसके साथ ही लोगों के घरों के सामने भी जमा हो जाता है। जिससे कि लोंगो को परेशानी होती हैं। पानी निकासी की व्यवस्था ना होने से दिनभर गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। दो - पहिया वाहन निकलने से लोंगो के ऊपर गंदा पानी उचटता है। ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी सड़क और नाली का सुधार नहीं हो पा रहा है। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सफाई नहीं होती है। गांव की हर गली में गंदगी है। गंदा पानी भी सड़कों पर बहता है। मंदिर भी लोग गन्दे पानी से होकर जाते हैं। कई बार तो विवादित स्थिति निर्मित हो जाती है। लोग अपने हाथों से सफाई करते हैं। गंदगी के कारण बहुत सारी समस्याएं हो रही हैं। गाँव में सरकारी स्कूल, आंगनवाड़ी, ग्राम पंचायत, अस्पताल हैं जहाँ लोगों का आना-जाना लगा रहता है। दिन में कई लोग आते हैं और कई बार ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों से शिकायत भी हुई लेकिन सफाई नहीं करवाई गई।
इन निर्माण कार्यों की होनी चाहिए जांच
सरकार के द्वारा लाख प्रयास करने के बाद भी भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा हैं जो भी योजना आती हैं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं लिहाज़ा यहीं कारनामा घुघरा में हुआ हैं। इन निर्माण कार्यों की अगर जांच तलब हों जाए तो कई कारनामों से पर्दा उठेगा नाला तट शुद्धिकरण निर्माण कार्य श्मशान घाट के पास टोपी, नाला तट शुद्धिकरण निर्माण कार्य कौही नाला रामपुर, स्टॉप डेम निर्माण कार्य फुटहा नाला घुघरा एप्रोच एम सुदूर सड़क जगन्नाथ यादव के घर से प्राथमिक शाला घुघरा तक सुदूर सड़क, नाडेप निर्माण कार्य दिश हाई दाई के पास टोपी, सोकपिट निर्माण कार्य स्कूल के पास रामपुर, सोकपिट निर्माण कार्य प्रहलाद के घर के पास टोपी, सोकपिट निर्माण कार्य खेरमाता के सामने इनकी जांच तलब होनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचार खुलकर सामने निकलकर आएगा।
गंदगी से फैल रही बीमारियां
घुघरा गांव की हर गली में गंदगी तो बहुत है,लेकिन कभी सफाई नहीं होती है। इस गाँव में सफाई तब होती है जब कोई अधिकारी या कोई नेता आते हैं। नहीं तो गाँव ऐसे ही गंदगी से भरा रहता है। गांव में कई स्थानों में मच्छरों का लार्वा पनप रहा है। लोगों में खुजली, बुखार जैसी बीमारियाँ फैली रहती हैं। लोग ईलाज तो कराते हैं लेकिन जल्दी फायदा नहीं होता है। गन्दगी के चलते ग्रामीणों में संक्रामक बीमारियों के होने का खतरा है।
फर्जी दुकानदारों के लग रहे बिल
इस संबंध में शिक़ायतकर्ताओ ने बताया कि सचिव के द्वारा अपनी जान, पहचान के दुकानदारों के यहां से बिल लगाए जा रहे हैं, कई ऐसे दुकान वाले भी हैं जिनका उक्त व्यवसाय से कोई लेना देना नहीं हैं। दुकानदारों के द्वारा अपने खाते नम्बर लगाकर राशि आहरित कर ली जाती हैं बाद में उक्त राशि का बंदरबांट कर लिया जाता हैं।सचिव सुरेश चंद काछी के द्वारा फर्जी बिल वाउचर लगाकर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार कर अपनी जेब भर रहे हैं। ग्राम पंचायत में मूलभूत समस्याओं की ओर ध्यान ना देकर, लाखों का वारा न्यारा कर रहे हैं। लेकिन अभी तक भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाले अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है। ग्राम पंचायत घुघरा में यह बात देखने को मिल रही है कि गिट्टी, रेत, सीमेंट के भुगतान में लाखों रुपए आहरण कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है।
बिलों में हो रही लाखों की हेरा फेरी, जिम्मेदार है मौन
ग्राम पंचायत घुघरा में लगने वाले बिलों में लाखों रुपए की हेरा - फेरी की जा रही है परंतु जिला पंचायत को इसकी कोई जानकारी नहीं है , जिला पंचायत के प्रशासनिक अधिकारी ग्राम पंचायतों में सिर्फ नाम मात्र की जांच का हवाला देकर चुप्पी साध लेते हैं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय से आनी चाहिए जांच, तभी कारनामों से उठेगा पर्दा
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 के तहत अकुशल मजदूरों को मनरेगा और नरेगा में श्रमिको को रोज़गार दिया जाता हैं, बहरहाल सचिव सुरेश चंद काछी के द्वारा पूर्व में मनरेगा में फर्जी हाजरी लगाई गई थी ऐसा सूत्रों के द्वारा बताया गया जिसकी शिकायत ग्रामीण विकास मंत्रालय में की गई है और बहुत जल्द इनके ऊपर कार्यवाही की तलवार लटकेगी। जहां अकुशल मजदूरों के रोज़गार का साधन हैं नरेगा और मनरेगा योजना वही सचिव सुरेश चंद काछी जैसे ज़िम्मेदार फर्जी हाजरी लगाकर खुद को और अपने निजी संबंधियों को लाभ पहुंचा रहे थे जो कि इस तरह की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में हैं।
जहां - जहां पदस्थ रहे जमकर सुर्खियां बटोरी
सचिव सुरेश चंद काछी के कारनामें जगजाहिर है जिस पंचायत में ये पदस्थ रहे जमकर शासन की राशि की होली खेली गई एवं पैसों का गबन किया गया। लिहाजा सूत्रों के द्वारा बताया गया कि सचिव सुरेश चंद काछी इतनी होशियारी से कार्य करता हैं कि अधिकारी भी समझ ना पाए और अगर समझ जाते हैं तो अधिकारियो को ही उलझा देता हैं ऐसा सूत्रों के द्वारा बताया गया। ग्राम पंचायत बम्हनी में रहते हुए सचिव सुरेश चंद काछी के द्वारा पदस्थ रहते हुए इनके द्वारा फर्जी हाजरी का खेल - खेला गया था और सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को अपनी निजी योजना समझकर भुगतान कर लिया गया एक ओर शासन को चूना लग रहा हैं वही फर्जी पैसों को आहरित करके सचिव सुरेश चंद काछी जैसे लोगों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं।
जिला पंचायत सीईओ नहीं संभागायुक्त करे जांच
अब इनके कारनामों की गाथा जिला पंचायत सीईओ नहीं बल्कि संभागायुक्त जांच तलब करके खुद जांच करे तो कई कारनामों से पर्दा उठेगा। क्यूंकि जनता की सेवा के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सचिव की नियुक्ति होती हैं। प्रशिक्षण में इनको जनता की सेवा और कार्य - कौशल के विषय में दक्ष किया जाता हैं लेकिन योजना में भ्रष्टाचार की मुहर कार्य करने नहीं देती हैं। योजना में अनियमितता को लेकर अलग से कर्मचारी की नियुक्ति कर ली जाती हैं ताकि लोकायुक्त में फस ना सकें। इनके कार्यकाल की जांच उच्च - स्तरीय अधिकारी संभागायुक्त जांच तलब करे तो कई कारनामों से पर्दा उठेगा। घुघरा में जो भी निर्माण कार्य हुए हैं उनकी जांच तलब करके सरपंच पति प्रहलाद सोनी और सुरेश चंद काछी के कारनामों को उजागर किया जाए ताकि ग्रामीण जनता को न्याय मिल सकें।